बुधवार, 22 जुलाई 2009

काश! ....... एक ख़्वाब


दिल छोटा नही करते,
कह के तुम हौसला
बढाती हो,

कुछ न कुछ बुरे में भी,
कुछ न कुछ अच्छा है
कह के तस्सल्ली देती हो।

मुश्किल पलों में भी
दूर से ही सीने से
लगाती हो।

कौन हो तुम?
क्या हो तुम?
क्यूँ आई हो मेरी ज़िन्दगी में?
मुझे सही रस्ते पे लाने?
या
मेरी अधूरी कहानीयों को पूरा करने?

काश! तुम आतीं थोड़े पहले
ज़िन्दगी में मेरी,
तो छूता मैं इतनी ऊचाईयाँ
इतनी ऊचाईयाँ.....
की रोज़ देता एक तारा
आसमान से तोड़ के तुम्हे॥


महफूज़ अली

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...