शनिवार, 3 अगस्त 2013

सुबह की अज़ान, आरती का स्वर , धर्म और रोटी : महफूज़



हर बार 
सुबह की अज़ान 
आरती का स्वर 
हमसे 
रूठ जाता है।

सुबह की अज़ान में 
गीता के छंद 
भर दो 

मंदिर के आलोक में
क़ुरान के हर्फ़ पर
धर्म और रोटी
का व्यवहार
धरती पर आम कर दो --- 


(c) महफूज़


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