गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

इसीलिए सिर्फ प्रेम करना चाहिए..: महफूज़


अन्नपूर्णा कूड़ा फेंकने घर के बाहर आई तो देखा कि तीन बूढ़े व्यक्ति घर के बाहर वाले चबूतरे पर बैठे हैं. अन्नपूर्णा ने उन्हें नहीं पहचानते हुए कहा " वैसे तो मैं आप लोगों को नहीं जानतीं, फिर भी घर के अन्दर आईये और कुछ भोजन ग्रहण कीजिये."

"क्या घर का मालिक घर में है?" बूढों ने पूछा...
"नहीं" अन्नपूर्णा ने कहा. "वे बाहर गए हैं."

"तब हम अन्दर नहीं आ सकते".. बूढों ने कहा.

शाम को अन्नपूर्णा के पति जब घर पर आये तो अन्नपूर्णा ने दिन की घटना के बारे में बताया.

"जाओ उनको बताओ कि मैं घर पर आ गया हूँ और आदर के साथ अन्दर ले आओ.." अन्नपूर्णा के पति ने कहा...

अन्नपूर्णा बाहर आई और उन लोगों को घर के अन्दर चलने के लिए आमंत्रित किया. 

" हम एक साथ घर के अन्दर नहीं जा सकते," बूढों ने कहा...
"क्यूँ?" वो कारण जानना चाहती थी..

उनमें से एक बूढा बोला," मेरा नाम धन है तथा यह मेरे साथी सफलता और प्रेम हैं. अब तुम जाओ और अपने पति से विमर्श करके बताओ कि वो हम तीनों में से किसे घर के अन्दर आमंत्रित करना चाहते हैं."

अन्नपूर्णा अन्दर आई और सारा वाक़या अपने पति से बताया. 

"ठीक है, धन को अन्दर आने दो जिससे हमारा घर भी धन से भर जाए." अन्नपूर्णा के पति ने कहा.....

"नहीं, क्यूँ ना हम सफलता को सफलता को आमंत्रित करें?" अन्नपूर्णा ने कहा...

दोनों की बेटी जो सारी बातें सुन रही थी ने कहा, "क्यूँ ना हम प्रेम को आमंत्रित करें जिससे कि हमारा घर भी प्रेम से भर जायेगा?"

अन्नपूर्णा के पति ने बेटी की बात को रखते हुए कहा, "ठीक है, जाओ प्रेम को ले आओ..."

अन्नपूर्णा बाहर गई और तीनों बूढों से पूछा, "आपमें से प्रेम कौन है? कृपया अन्दर आईये और हमारे मेहमान बनिए...."

प्रेम उठा और घर की ओर चल दिया. उसके पीछे - पीछे बाकी दोनों बूढ़े भी चलने लगे.....

आश्चर्यचकित होते हुए अन्नपूर्णा ने धन और सफलता से पूछा," मैंने तो सिर्फ प्रेम को आमंत्रित किया था .... आप लोग क्यूँ अन्दर आ रहे हैं?"

दोनों बूढों ने एक साथ जवाब दिया: "प्रेम जहाँ भी जाता है, हम उसके साथ जाते हैं..." 
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