सोमवार, 8 जून 2009

मैं भी तुम्हे प्यार करता हूँ....

जब तुम मुझे प्यार करोगी,
सामने दीवार पर लगी कोई
तस्वीर
फिर जी उठेगी
और जी उठेंगे
अरमां
मेरे साथ
तेरे साथ॥

जब तुम मुझे प्यार करोगी
एक दूसरे की आँख में
दिए जलाकर
ढूँढने निकलेंगी सौगातें
रौशनी की।
फिर न ठाहरेगी कोई ओस की बूँद
बादलों पे
और बरस जाएँगी
तुम्हारे चेहरे पे जा कर॥

जब तुम मुझे प्यार करोगी
तो ये दुनिया ही बदल जायेगी
शोरोगुल में भी मैं वो बात सुन सकूंगा
जो तुम्हारे होठों से नहीं
निकलेगी तुम्हारी रूह से॥


जब तुम मुझे प्यार करोगी
तब
मुझे यह कहने की ज़रूरत नही होगी
की
हाँ!
मैं भी तुम्हे प्यार करता हूँ॥




(प्रस्तुत कविता प्रेरित है ...........)




महफूज़ अली

3 टिप्पणियाँ:

डिम्पल मल्होत्रा ने कहा…

जब तुम मुझे प्यार करोगी
तब
मुझे यह कहने की ज़रूरत नही होगी
की
हाँ!
मैं भी तुम्हे प्यार करता हूँ॥ ...speechless

Unknown ने कहा…

jab tum muje pyaar karoge
tab
muje yeh kehene kee jarooth nahi hogi
kee haa mein be tumhai pyaar kartee hun
tab aakash mein chand sitaare kehe denge,
yeh kaisee jodi hai
jo na milte huay bee ek doosre kee
atama kee awaaz sun sakte hain
heyyyyyyyyyyy ali
yours is so beautiful that u made me write this
shes a lucky one indeed
may god bless u always
A++++++
Anjali

Unknown ने कहा…

yeh mere sabse pyaare poem hai
i read this daily
i lovvvvvvvvvvvv vit
A+++
anjali

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