शनिवार, 10 अप्रैल 2010

खुशियाँ बांटने से बढती है..नफरत का क्या काम? : महफूज़


सबसे पहले समस्त ब्लॉग जगत को इतना अपनापन और स्नेह देने के लिए धन्यवाद. (खुशदीप भैया के लिए सिर्फ एक बात कहना चाहूँगा कि मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. मुझे गर्व है आप पर.) मैं बिन माँ-बाप का होकर भी अकेला नहीं हूँ, यह मुझे समस्त ब्लॉग जगत ने बता दिया. इसके लिए मैं पूरे हिंदी व इंग्लिश ब्लॉग जगत का शुक्रगुज़ार हूँ. मुझे तो पता ही नहीं था कि सब मुझे इतना प्यार करते हैं? पिछले दो महीने से वक़्त ही नहीं था कि नेट पर बैठ सकूँ? कुछ प्रोब्लेम्स ही ऐसी थीं. लेकिन आज जब पूरा ब्लॉग जगत खंगाला तो आँखों से आंसू छलक पड़े. ब्लॉग जगत के लोकप्रियता के ऐसे शिखर पर आप सब लोग बैठाएंगे, इसका अंदाज़ा भी मुझे नहीं था. लोग कहते हैं कि ब्लॉग कि दुनिया ऐसी है कि लोग जल्दी ही भुला देते हैं, लेकिन आप सबके प्यार ने इस मिथ को झुठला दिया. आज सबसे पहली टिप्पणी डॉ. अजित गुप्ता जी के ब्लॉग पर की, अपने आप हाथ से माँ का संबोधन निकल पडा, जिसका ध्यान मुझे बिलकुल भी नहीं था, ममा का मेल आया तो बहुत देर तक रोता रहा. इस ब्लॉग जगत ने मुझे हर रिश्ता दिया है. माँ नहीं है मेरी, लेकिन आज मेरे पास ब्लॉग जगत के द्वारा जो रिश्ता बना है मेरा उससे माँ कि कमी अब नहीं महसूस होती है. अब तो मैं यहाँ धन्यवाद के लिए नाम भी नहीं लिख सकता हूँ क्यूंकि इतने सिर्फ नाम लिखने के लिए मुझे चार पोस्ट लिखनी पड़ेगी. मैं तो सबके प्यार से अभीभूत हूँ.

मैं आज फिर पूरे ब्लॉग जगत को अपनी खुशियों में शामिल करना चाहता हूँ. अब जैसा कि मैंने आज से ९ महीने पहले एक धन्यवाद पोस्ट लिखी थी और उसमें बताया था कि अमेरिका के Wisconsin University जो कि Madison State में है. उस यूनिवर्सिटी के Emeritus Professor. Nancy L.John Diekelmannn ने  मुझे संपर्क कर के  मेरी कविता "Fire is still Alive" को टी-शर्ट पर प्रकाशित करने की अनुमति मांगी थी, जो कि मैंने उनको दे दी थी, उस सिलसिले में मुझे उस वक़्त अमरीका भी जाना था लेकिन उन्होंने बाद में मना कर दिया था. इस पूरे दस महीने के दौरान अलग अलग चरण में मेरी उनसे फ़ोन और इ.मेल के ज़रिये बात-चीत चल रही थी. बाद में उन्होंने बताया कि वो टी-शर्ट एक अप्रैल को छप कर आ जाएगी.  और जब वो टी-शर्ट छप कर आ गई तो उन्होंने मुझे फोन और इ.मेल से सूचित किया और इसकी ख़बर मैंने सबसे पहले अपनी मम्मी रश्मि प्रभा जी को फोन के द्वारा सत्ताईस मार्च को सूचित किया. Diekelmann जी ने मुझे मेल के द्वारा सूचित किया कि Priority Mail जो कि अमरीका कि सबसे तेज़ डाक सेवा है जो पूरी दुनिया में कहीं भी डाक दो दिन में पहुंचाने का दावा करती है से चार टी-शर्ट भेज दी है. उन्होंने मुझसे माफ़ी भी मांगी कि टी-शर्ट पर मेरा नाम गलत प्रिंट हो गया है. हालांकि उन्होंने मुझसे citation मेल कर के पूछा था, लेकिन नेट से दूर होने की वजह से मैं उन्हें समय पर जवाब नहीं दे पाया, और टी-शर्ट छप कर आ गई. जब वो टी-शर्ट छप कर आ गई तो उसको स्कैन कर के मेरी बहन ने मेरी मेल पर भेज दिया और इसकी खुशखबरी सबसे पहले मैंने आदरणीय समीर लाल जी, खुशदीप भैया और अदा जी को मेल फॉरवर्ड कर के बताया. जिसका ज़िक्र खुशदीप भैया ने फर्स्ट अप्रैल को अपने ब्लॉग पर किया, जिसको काफी लोगों ने मूर्ख दिवस का मज़ाक समझ लिया...हा हा हा हा हा .... फिर बाद में अदा जी ने अपने ब्लॉग पर पूरी स्कैन मेल पोस्ट की. जब उन्होंने पोस्ट कर दिया फिर उसके बाद मैंने अपने लोगों को फोन से सूचित किया. अब मैं तो अपने घर से बहुत दूर हूँ... बहुत मन है वो टी-शर्ट पहनने  का.... और यह ख़्वाहिश लखनऊ और गोरखपुर पहुँच कर ही पूरी हो सकती है. अभी तो देहरादून का प्लान है फिर उसके बाद ३ दिन के लिए मलेशिया जाना है.  

Diekelmann जी ने बताया कि मेरी वो कविता Wisconsin University के सिलेबस में भी जोड़ी जा रही है और दिसम्बर में Wisconsin University में  होने वाले दीक्षांत समारोह में मुझे भी आमंत्रित किया जायेगा जहाँ मुख्य अतिथि अमरीका के राष्ट्रपति श्री. बराक ओबामा जी भी मुझे सम्मानित करेंगे. अमरीकन राष्ट्रपति जी के ओफ्फीस से भी मेल बधाई कि मेल चुकी है.  उन्होंने (Diekelmann) यह भी बताया कि पहले यह टी-शर्ट परियोजना Non-Profit based थी लेकिन कंपनी ने जब उसे मार्केट में उतारने का प्रस्ताव भी रखा तो उन्होंने इजाज़त दे दी और कहा कि जब मार्केट में यह आएगी तो आपको Royalty भी मिलेगी. मुझे यह जानकर बहुत ख़ुशी हुई. इस सन्दर्भ में बहुत जल्द ही पेपर्ज़ साइन होने वाले हैं. उन्होंने यह भी बताया कि रोयल्टी सारी लीगल कार्यवाही और FEMA Act. की formalities पूरी हो जाने के बाद ही मिलेगी जिसमें तीन से चार महिने का समय लगेगा. Diekelmann जी ने यह बताया कि यह टी-शर्ट अमरीका, कनाडा सहित एशिया के कुछ देशों (जिसमें भारत भी) में भी बिक्री की जायेंगीं.. इससे पहले भी मुझे USA से सन २००५ में International Poet of the year का अवार्ड मेरी अंग्रेजी कविता "Lullaby for a missing child' के लिए   मिल चुका है. (कृपया मेरे ब्लॉग पर और ऑरकुट के एल्बम में अखबारों की स्कैन कॉपी देखें..) जिसके लिए मुझे तत्कालीन मुलायम  राज्य सरकार ने भी U P D C जिसकी अध्यक्ष उस वक़्त जया बच्चन जी थीं के हाथों और तरफ से सम्मानित किया गया था. (कृपया ब्लॉग के दायीं ओर लगी फोटो देखें और अखबारों की कतरन देखें)... इस बार भी मेरी बहन ने मुझे फोन कर के बताया कि ऐसा कोई फोन आया था और मेरे बाहर होने की वजह से बोल दिया गया कि मैं बाहर हूँ और मुझे जल्द से जल्द संपर्क करने के लिए कहा गया है... अब किस विभाग से आया यह तो मुझे गोरखपुर पहुँच कर ही पता चलेगा.... गोरखपुर/लखनऊ पहुँच कर जैसे ही सूचना/तिथि का निर्धारण होगा मैं आप सबको ज़रूर सूचित करूँगा... आप लोग सब तैयार रहिएगा.... काश! पिता जी ज़िंदा होते तो मेरी ना-मौजूदगी में सब संभाल लेते...सच कहा गया है...माँ-बाप के बिना जीवन अधूरा है. इसकी भी सूचना मैंने अपने लोगों को दी है कि सब लोग तैयार रहें.... इस बार मेरा परिवार बहुत बड़ा है. तो मैंने अपने ब्लॉग परिवार को भी सूचित किया. अब सारी डिटेल तो गोरखपुर पहुँच कर ही पता चलेगी. इस उपलब्धि को लखनऊ/गोरखपुर पहुँच कर ही प्रेस मीट और प्रेस रिलीज़ कर के समस्त दुनिया के सामने भी रखना है. मीडिया से फोन तो आ रहे है, लेकिन रोज़ी रोटी पहले है...काम ख़त्म होते ही इस उपलब्धि पर काम करना है.    श्री.बिल्लोरे जी ने कहा था कि हम यहीं पर प्रेस रिलीज़ कर दे रहे हैं,  जिसकी सूचना उन्होंने यहाँ के मीडिया को भी दे दी थी, लेकिन मैंने मना कर दिया कि मैं अपनी सरज़मीन और जन्मभूमि पर ही सब कुछ करूंगा. इसका मैं श्री. गिरीश बिल्लोरे जी का एहसानमंद हूँ.  अब जब लखनऊ /गोरखपुर पहुंचूंगा और इस सफलता को सेलेब्रेट करूँगा तो मैं अभी से समस्त ब्लॉग जगत को मैं आमंत्रण दे रहा हूँ कि अपनी उपस्थिति से मेरी खुशियों को दोगुना करें.

 मैं बहुत खुश भी हूँ और दुखी भी. दुखी इसलिए कि कई बार हम कई रिश्तों को समझ नहीं पाते हैं, हम गाहे-बगाहे ऐसे लोगों को अपना समझ लेते हैं, जो किसी मौके की तलाश में रहते हैं कि आपको दुःख हो. जिन्हें हम अपना समझते हैं वही धोखा दे जाते हैं. और जिन्हें हम कुछ भी नहीं समझते वो हमारे साथ रहते हैं और फिर एक नए रिश्ते को जन्म देते हैं. और फिर यही रिश्ता शायद ज़िन्दगी भर के लिए कायम हो जाता है. कई बार हम सोचते हैं कि जिन्हें हम प्यार कर रहे हैं वो हमारे साथ हर सुख दुःख में रहेगा फिर वही कब धोखा दे जाए ...कुछ कहा नहीं जा सकता. इस ब्लॉग जगत में मुझे बहुत कुछ मिला है. बहुत कुछ मिला है तो बहुत कुछ सीखा भी है. इंसान और रिश्तों को पहचानना मैंने ब्लॉग जगत से ही सीखा है. मुझे कई लोग और काफी लोग भी बहुत घमंडी किस्म का या फिर मगरूर किस्म का भी समझते हैं पर मेरा यकीन करिए मैं ऐसा बिलकुल भी नहीं हूँ. मैं हमेशा प्यार बांटता हूँ और बदले में सिर्फ प्यार ही चाहता हूँ. जब कभी मेल खोलता हूँ तो कोई गाली लिख के भेजता है, तो कोई कहता है कि तुझे अपनी सुन्दरता पे बहुत घमंड है, तो कोई कहता है कि मुकदमा कर दूंगा. मैं कहता हूँ कि अगर राष्ट्रवादी विचारधारा का होना क्या गुनाह है? क्या इसके लिए मुझे गाली देनी चाहिए? अब हैंडसम हूँ तो मेरा इसमें क्या दोष? क्या सुंदर होना घमंडी होने का मापदंड है? और मुकदमा भई कोई क्यूँ करेगा ...मैंने तो किसी की भैंस भी नहीं खोली है.... और वैसे इतना दम भी रखता हूँ कि भैंस खोल लूं ...और मैं ऐसे लोगों को क्या बोलूँ? इन्हें यह नहीं पता कि हम तो खानदानी मुकदमेबाज़ हैं. मेरे पिताजी मेरे ऊपर छः-छः मुक़दमे छोड़ कर गए हैं. ज़मीन से लेकर, 307 और 504  के मुक़दमे झेल रहा हूँ बिना मतलब के .... ऐसे लोगों को क्या बोलूँ ? मैंने एक बार जज से कहा भी था कि बिना मतलब इतना सब झेल रहा हूँ... तो जज ने कहा अच्छा तो है.... पता कैसे चलेगा कि बड़े आदमी हो... तो ऐसे लोगों को मैं यही कहना चाहूँगा कि फर्जी मुक़दमे में कैसे फंसाया जाता है यह मुझसे ज्यादा अच्छे से कोई नहीं जानेगा. इसलिए अब इस प्रकार की मेल भेजना बंद करें या फिर कोई मुकदमा लाद ही दें मुझ पर ... फिर देखें क्या होता है? मैं तो खुलेआम कहता हूँ कि जिसे भी मुझसे झगडा करना है तो एक बार सोच ले क्यूंकि मैं डसूंगा तो बहुत दर्द होगा. और आप ही लोग बताइए कि मैंने कभी किसी को ब्लॉग पर उल्टा सीधा कहा है? किसी की भी इन्सल्ट की है? हाँ! एक बार मैंने महिलाओं के खिलाफ कुछ गलत किसी पोस्ट पर कमेन्ट के रूप में लिख दिया था.... उसके लिए मैं माफ़ी भी मांग चुका हूँ और आज इस खुले मंच से अपने उस गंदे और वाहियात कमेन्ट के लिए फिर से समस्त ब्लॉग जगत कि महिलाओं से माफ़ी मांगता हूँ.  मेरा यकीन करिए ... मुझे बहकाया गया था... शायद किसी रौ में मैंने वो लिख भी दिया. और तबसे उसका पश्चाताप कर रहा हूँ. उस कमेन्ट की वजह से मैंने कई अच्छे दोस्त इस ब्लॉग जगत पर खो दिए. और तो और कुछ लोग ब्लॉग समाचार या फिर किसी और नाम से ब्लॉग बना कर मेरे नाम का भी दुरूपयोग कर रहे हैं. मैं इन लोगों को condemn करता हूँ और साथ ही साथ वार्न भी . मैं तो इतना ही कहूँगा कि प्यार बांटिये .... प्यार मिलेगा...  नहीं तो वही कहावत वाला हाल होगा कि "बोया पेड़ बबूल का, आम कहाँ से होए..."  

अंत में मैं आदरणीय समीर लाल जी, खुशदीप भैया (आप मेरे सगे से बढ़ कर हैं...), श्री. ऍम.वर्मा जी, आदरणीय शास्त्री जी, श्री. अविनाश वाचस्पति जी, श्री. शरद कोकास भैया, श्री. पाबला जी, श्री. ललित शर्मा जी, श्री. अवधिया जी, shri. ajay kumar jha ji, श्री. डॉ. अरविन्द मिश्र जी, श्री. गिरिजेश राव जी, श्री. महेंद्र मिश्र जी, श्री.रविन्द्र प्रभात जी, श्री. सुमन जी (नाईस वाले), श्री. संजय अनेजा जी... श्री. बवाल जी ..आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद... आप लोग हमेशा मेरे साथ रहे ...मेरा हौसला बढाया.... मैं आप सबका आभारी हूँ. 

मैं श्री. गिरीश बिल्लोरे जी का बहुत एहसानमंद हूँ. आपने व आपके परिवार ने मुझे इस अनजान शहर में बिलकुल भी अकेला नहीं महसूस होने दिया. आपने मेरा बहुत ख्याल रखा. मुझे बिलकुल भी एहसास ही नहीं हुआ कि मैं एक अलग शहर में हूँ.     आपने बड़े भाई और पिता की तरह मेरा ख्याल रखा. जो इज्ज़त आपने मुझे दी वो मैं पूरी ज़िन्दगी नहीं भूल सकता. 

मैं मम्मी रश्मि प्रभा जी (आपका आशीर्वाद हमेशा से मेरे साथ रहा है..), डॉ.अजित गुप्ता जी.... (ममा... कल आपका मेल आने के बाद मैं बहुत रोया हूँ... ममा..आपको मैंने Diekelmann जी का फोन नंबर और इ.मेल ..मेल कर दिया है.... आप अमेरिका पहुँच कर उनको फोन कर लीजियेगा ... वो आपको टी-शर्ट available करवा देंगे..) ...रश्मि रविजा जी...(आपका मैं बहुत शुक्रगुज़ार हूँ... हर पल आपने मेरा हौसला बढाया... discourage होने से बचाया..I am very thankful to you....), शिखा जी..(आपको मैं बहुत मिस कर रहा हूँ) ... वाणी दीदी (क्या दीदी... कान छोडिये ना....अब लम्बी-लम्बी नहीं फेकूंगा.... दी...प्लीज़ कान छोड़ दीजिये... सॉरी बाबा..आ..दी..दर्द कर रहा है..)....अदा जी.... (आप में तो मेरी जान बसती है... मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ... ) मैं आप सब लोगों का शुक्रगुज़ार हूँ ... और मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ.... 

Last but not the least.... मैं पूरे ब्लॉग जगत का आभार व्यक्त करता हूँ.... जो इज्ज़त और प्यार आप सबने मुझे दिया है .... उसका मैं शुक्रगुज़ार हूँ. मेरे लिए यह संभव ही नहीं है कि मैं आप सबका शुभ नाम लिखूं... क्यूंकि आप लोग भी जानते हैं कि अगर मैंने नाम के साथ आभार व्यक्त किया तो चार पोस्ट और लिखनी पड़ेगी. मैं आप सबसे बहुत प्यार करता हूँ. 

कई बार हम इतनी जिम्मेदारियों में फंसे होते हैं कि कई बाहरी कामों के लिए वक़्त ही नहीं निकाल पाते हैं. मैं तो वैसे भी इतना बीजी हूँ कि बीज़ी वर्ड भी मेरे बीज़िनेस के आगे बहुत  बहुत खाली है... इसी बीज़िनेस को देखते हुए भई आज मैं लखनऊ ब्लोग्गर अस्सोसियेशन के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूँ. हालांकि, मुझे पता नहीं था कि मैं इस अस्सोसियेशन का अध्यक्ष भी हूँ... जब पता चला तो अपनी गैर ज़िम्मेदारी का एहसास हुआ....  मैंने सोचा कि इतने नालायक अध्यक्ष का क्या फायदा? जो अपने संस्था के बारे में ही ज्यादा नहीं जान रहा हो... ख़ैर! मैं तो समस्त ब्लॉग जगत का तहे-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ. मेरा ब्लॉग जगत के विद्वान जनों से अनुरोध है कि कृपया मेरी कविता "Fire is still alive" का हिंदी में अनुवाद कर के मुझे दीजिये. मैं आभारी रहूँगा.

(अपने शुभचिंतकों व मित्रों के कहने पर मेल व कोरियर के स्नैपशॉट हटा रहा हूँ.... ११/०४/२०१०....समय : १२.५५)   

124 टिप्पणियाँ:

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

आप यूं ही आगे बढ़ते रहें निरन्तर. ऐसे ही व्यक्ति बने रहें हमेशा. यही शुभकामनाओं के साथ...

कविता रावत ने कहा…

Bilkul sahi kaha aapne Khushiyan baatne se hi badhti hai, jahan nafrat ka koi kaam nahi.... Aaj esi tathya ko samjhne ka samay hai.....
Haardik shubhkamnayen.....

vijay kumar sappatti ने कहा…

badhayi aur badhayi

milengi kab hame mithayi

ho sake to ek t shirt hame bhi de dena...
logo se kahenge apne mahfooz ne bijwaaya hai ...

regards

vijay

Zeashan Zaidi ने कहा…

बहुत बहुत मुबारक हो महफूज़ भाई.

Podcaster ने कहा…

भाई
''T-Shirt''
मुझे पहननी है आप ज़ल्द ही उसका इंतज़ाम कराइये आप मंगायेंगे तो शायद शिपमेंट न लगे सीधे मंगाने पर मुझे खूब लग जाएगा
हार्दिक बधाईयां
फ़िर आता हूं ध्यान से बांचने आज़ आफ़िसिअल काम निबटा लूं

वाणी गीत ने कहा…

क्या लिखूं ...तू तो बस रुला देता है ...
बस ऐसी ही एक पोस्ट का इन्तजार था ...
बहुत -बहुत नाम कमाओ ...यश प्राप्त करो ...
खुश रहो और खुशियाँ बांटो .....

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत बहुत मुबारक हो महफूज़ भाई.

संजय भास्‍कर ने कहा…

खुश रहो और खुशियाँ बांटो .....

संजय भास्‍कर ने कहा…

खुश रहो और खुशियाँ बांटो .....

rashmi ravija ने कहा…

ohhoo so you are very thankful to ME... दोस्ती की पहली शर्त है , नो सॉरी एंड नो थैंक्यू और आपने पहली ही शर्त नहीं पूरी की...फिर दोस्ती आगे कैसे बढ़ेगी :)
वैसे आपकी इतनी शानदार उपलब्धियों पर किसे नाज़ नहीं होगा....अनेकों बधाइयां

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

यही तो वो आग है

जी हां विचारों की भागमभाग है

एक तीखा मदमस्‍त राग है

जो अपने में संपूर्ण है

आग ही जाग है

आग बुझे न कभी

आग का जीवंत अंदाज है


इसे अपनी कविता का अनुवाद न समझें। यह तो मेरी टिप्‍पणी अपनी ही शैली में है।
बहुत सुंदर और मार्मिक पोस्‍ट। ब्‍लॉगिंग के सुखद भविष्‍य के बारे में बतला रही है। हमें नाज है जिस ब्‍लॉगिंग पर वो यहां है, वो यहां है, वो यहीं हैं - हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग की जमीं सबके दिल हैं।

Ambarish ने कहा…

congoz... bhejiye ek t-shirt hamare address par bhi... :)

Khushdeep Sehgal ने कहा…

फ़ानूस बनके जिसकी हिफ़ाजत हवा करे,
वो शमा क्या बुझे जिसे रौशन खुदा करे...

महफूज़ खुदा तुम्हारे साथ है और तुम अपने को अकेला समझते हो...

जय हिंद...

Unknown ने कहा…

अच्छे लेखन करने वालों के प्रति तो हमारा आशीर्वाद सदैव ही बना रहता है। खूब आगे बढ़ो!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बधाई बधाई बधाई ... आपकी सफलता पर दिल से बधाई ...
भगवान आपको ऐसे ही उन्नति के नये नये शिखर पर पहुँचाए ... आप दिन दूनी रात चौगनी उन्नति करें ...

ρяєєтii ने कहा…

BHai, bas ese hi saphalta ki paaydaan chadhte raho aap..yahi Dua hai....

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

अब क्‍या लिखूं? मेरा तो मन कर रहा है कि ढेर सारी शर्ट खरीदूं और अपनी खुशियां लोगों के मध्‍य बांट दूं। अलग से पत्र लिखूंगी।

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

हमारी दिली मुबारकबाद कुबूल कीजिए...

Meenu Khare ने कहा…

बहुत ही बड़ी बात है. हम सबके लिए गौरव लाने के लिए आभार महफूज़. आप ऐसे ही देश का नाम रौशन करें, यही कामना है. और हाँ टी-शर्ट पहनने का मन मेरा भी है....:)

Unknown ने कहा…

हमारी भी हार्दिक शुभकामनाएं,
एक टी-शर्ट हमें भी भिजवाईयेगा (अभी हमारी उमर नहीं गई वैसी टी-शर्ट पहनने की) :)

संगीता पुरी ने कहा…

आपकी इस उपलब्धि पर मुझे भी नाज हो रहा है .. आप और तरक्‍की करें .. शुभकामनाएं !!

गिरिजेश राव, Girijesh Rao ने कहा…

पर आग का क्या ?
बिखर चुकी समिधाएँ
नाच रहे स्फुल्लिंग
लघु ज्वाला - बची रही
है क्षीण
अभी भी जीवित है।
आग अभी जीवित है।

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

महफूज भाई...हमने तो बहुत पहले ही बधाई दे दी थी...हर जगह जहाँ जहाँ से यह दिल को खुश करने वाला समाचार पढ़ा की अपने बड़े भैया की अँग्रेज़ी कविता देश ही नही विदेश में धूम मचा रही है.....फिर भी एक बार फिर से आपको और बधाई दे रहा हूँ और बस यही दुआ है की निरंतर आप ऐसे ही प्रगति करते रहे...हमारी दुआ आपके साथ है....अभी और बहुत सी कामयाबी मिलेगी आपको ... बहुत बहुत .शुभकामना....बड़े भाई जी

गिरिजेश राव, Girijesh Rao ने कहा…

ये Daupur कहाँ है ?

कडुवासच ने कहा…

महफ़ूज भाई
....टी शर्ट व कविता ... यह पोस्ट मैंने भी कहीं पढी थी ....बिलकुल उस समय मुझे भी लगा अप्रेल फ़ूल की पोस्ट है ... संभवत: कुछ इसी तरह का कमेंटस ठोक दिया था!
...पर ये तो सच है, बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं!!!

संजय @ मो सम कौन... ने कहा…

महफ़ूज़ भाई,
अभी आप को बहुत बड़े बड़े मुकाम हासिल करने हैं, हम आपकी इतनी उप्लब्धियों से संतुष्ट होने वाले नहीं है। और आप हमारी अपेक्षायें पूरी करेंगे, इतना यकीन है। कटु अनुभव भी हमें बहुत कुछ सिखा कर जाते हैं। ये आभासी जगत भी तो इस दुनिया का स्नैप शाट है, फ़िर अच्छे-बुरे लोग, खट्टे-मीठे अनुभव कैसे नहीं होंगे?
और जिसके इतने चाहने वाले हों, वो अकेला कैसे समझ सकता है अपने आप को?
खैरियत जानकर सुकून महसूस कर रहे हैं, बधाई फ़िर देते हैं, स्वीकार करें।

vandana gupta ने कहा…

महफ़ूज़ जी
हार्दिक शुभकामनायें और बधाई……………………ये सिर्फ़ तुम्हारी ही उपलब्धि नही है ये तो इस देश की भी उपलब्धि है जिसने तुम जैसा कँवल दिया है संसार को…………………तुम्हारी उपलब्धियों की लिस्ट ऐसे ही बढ्ती जाये और हम सब गौरवान्वित महसूस करते रहें।

Deepak Shukla ने कहा…

Hi..

Mahfooz ji aapko main kafi dinon se na sirf jaanta hun balki apna bhi manta hun.. Yah baat aur hai ki humari ru-ba-ru baatcheet nahi hui kabhi..par aap sada hruday se hamesha dil ke pass rahe.

Aapko jaane kitne dinon se yahan vahan, kai logon ki scrap books aur blogs ke comments main dekh raha hun, padh raha hun..

Aur fir ek din aap jaadu ki tara mere blogjagat main ek supt se blog par avatarit hue..aur apne asadharan vyaktitv ki chakachaundh se hamen bhi abhibhoot kar gaye.. Aur hum jo man se aapko apna pahle hi maante the..ye rishta aur bhi pragadh ho gaya..

Aaj aapki khushi se hum bhi khush hain ki aap yah uplabdhi haasil kar sake.. ESHWAR aapko nit nayee unchaiyan pradan kare..aapko jeevan main unnati ke sopan milen..

Har ek din jeevan bhar aaye..
khushiyon ki meethi saugat..
Chahun oor ho keerti teri..
Har pal badhe ho din ya raat..

Khush rahen..muskurate rahen..
Aaj aur hamesha..

DEEPAK SHUKLA..

Deepak Shukla ने कहा…

Hi..

Mahfooz ji aapko main kafi dinon se na sirf jaanta hun balki apna bhi manta hun.. Yah baat aur hai ki humari ru-ba-ru baatcheet nahi hui kabhi..par aap sada hruday se hamesha dil ke pass rahe.

Aapko jaane kitne dinon se yahan vahan, kai logon ki scrap books aur blogs ke comments main dekh raha hun, padh raha hun..

Aur fir ek din aap jaadu ki tara mere blogjagat main ek supt se blog par avatarit hue..aur apne asadharan vyaktitv ki chakachaundh se hamen bhi abhibhoot kar gaye.. Aur hum jo man se aapko apna pahle hi maante the..ye rishta aur bhi pragadh ho gaya..

Aaj aapki khushi se hum bhi khush hain ki aap yah uplabdhi haasil kar sake.. ESHWAR aapko nit nayee unchaiyan pradan kare..aapko jeevan main unnati ke sopan milen..

Har ek din jeevan bhar aaye..
khushiyon ki meethi saugat..
Chahun oor ho keerti teri..
Har pal badhe ho din ya raat..

Khush rahen..muskurate rahen..
Aaj aur hamesha..

DEEPAK SHUKLA..

Deepak Shukla ने कहा…

Hi..

Mahfooz ji aapko main kafi dinon se na sirf jaanta hun balki apna bhi manta hun.. Yah baat aur hai ki humari ru-ba-ru baatcheet nahi hui kabhi..par aap sada hruday se hamesha dil ke pass rahe.

Aapko jaane kitne dinon se yahan vahan, kai logon ki scrap books aur blogs ke comments main dekh raha hun, padh raha hun..

Aur fir ek din aap jaadu ki tara mere blogjagat main ek supt se blog par avatarit hue..aur apne asadharan vyaktitv ki chakachaundh se hamen bhi abhibhoot kar gaye.. Aur hum jo man se aapko apna pahle hi maante the..ye rishta aur bhi pragadh ho gaya..

Aaj aapki khushi se hum bhi khush hain ki aap yah uplabdhi haasil kar sake.. ESHWAR aapko nit nayee unchaiyan pradan kare..aapko jeevan main unnati ke sopan milen..

Har ek din jeevan bhar aaye..
khushiyon ki meethi saugat..
Chahun oor ho keerti teri..
Har pal badhe ho din ya raat..

Khush rahen..muskurate rahen..
Aaj aur hamesha..

DEEPAK SHUKLA..

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

pichhle sabhi 31 logon kee tippaniyaan jod len to meri tippani ban jaayegi....shubhkaamnaayen....

संजय बेंगाणी ने कहा…

बहुत बहुत बधाई.

फोन बन्द कर के बैठ गए, कहीं अता पता नहीं....


चलो सब खैरियत से है जान कर अच्छा लगा.

उन्मुक्त ने कहा…

बधाई।

मिहिरभोज ने कहा…

और मेरी टी शर्ट....ये लो हमने पहन भी ली.....वैसे टी शर्ट से ज्यादा आप को इतने दिनों बाद देखने से बहुत प्रसन्नता हुई........बधाई...

Chandan Kumar Jha ने कहा…

welcome & congratulations bhaiyaa !!!

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

हमारी भी हार्दिक शुभकामनाएं!!!

बवाल ने कहा…

देर आयद महफ़ूज़ भाई बट एक्स्ट्रीमली दुरुस्त आयद। क्या बात है भाईजान, दिल उँडेल देने में तो आपको महारत हासिल है, लगता है! विस्मयकारी!
बाप रे क्या क्या न बतलाए जा रहे हैं। बस कीजिए रुलाइएगा क्या ?
टी-शर्ट से अधिक तो हम उस कविता के लिए आपको बधाई देना चाहेंगे। अमरीका में आपकी यह धूम, हमारे सारे हिन्दी ब्लॉगजगत की धूम है। लाजवाब। आपने अपनी पोस्ट पर हमें भी याद किया, इसके लिए बहुत बहुत शुक्रिया। खै़र, आपके देहरादून जाने के पहले तो हमारी मुलाक़ात जबलपुर में होगी ही।

नीरज गोस्वामी ने कहा…

आभासी रिश्ते ज़मीनी रिश्तों से ज्यादा मज़बूत होते हैं ये बात ब्लॉग जगत ने साबित कर दी है...टी शर्ट पर आपकी कविता देख ख़ुशी हुई...आपको इस उपलब्धि के लिए बहुत बहुत बहुत बहुत बधाई...
नीरज

विवेक रस्तोगी ने कहा…

महफ़ूज भाई बहुत बहुत बधाई

उस दिन के बाद फ़ोन पर बात ही न हो पाई, पर अब जल्दी ही बात होगी।

बेनामी ने कहा…

बहुत बहुत मुबारक हो महफूज़ भाई !!

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत बहुत बधाई ! अनन्त शुभकामनाएं ।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

Congratulation once again Mahphooj Bhai!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बधाई बधाई और सिर्फ़ बधाई साथ में ढेर सारी शुभकामनाएं.

रामराम.

Kulwant Happy ने कहा…

कुछ पाने के लिए खुद को मिटाना पड़ता है, दूसरों को मिटाने वाले क्या जाने..खुद को मिटाना किस चिड़िया का नाम है।

बधाई हो बधाई हो।

बेनामी ने कहा…

बाबा
प्यार
ढेर सारी बधाई और ढेर सारा प्यार .
हमें गर्व है तुम पर.
मैं भीड़ में सबसे पीछे खड़ी तुमको देखती हूँ और मुस्कराती रहती हूँ.याद? हमेशा .
मुझ जैसे लोग तुम्हारे जीवन में बहुत से होंगे पर मेरे जीवन में तुम जैसे लोग गिनती के ही हैं,मैं ज्यादा रिश्तों को मेंटेन नही कर पाती.इसलिए अपने जीवन में आने ही नही देती.
खूब खुश रहो और खूब उन्नति,प्रगति करो.
प्यार

Udan Tashtari ने कहा…

क्या जरुरत है इतना एक्सप्लेन करने की. जिसे समझना हो समझे, न समझना हो न समझे...उससे तुम्हारी उपलब्धि तो कम नहीं हो जाती.

मेरी समझ से तुम्हें यह सब कोरियर आदि का स्कैन देने की जरुरत ही नहीं है.

बस, यूँ ही सफलता के नये आयाम स्थापित करते रहो.

बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.

ओम आर्य ने कहा…

नोथिंग सक्सीड लाइक सक्सेस!! कौन्ग्रट्स !!!

ओम आर्य ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
36solutions ने कहा…

बहुत बहुत बधाई महफूज़ भाई.

सफलता सदैव आपकी कदम चूमें.


हमारी शुभकामनांए........

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

महफूज़ जी ,

आप हमेशा यूँ ही उनत्ति के शिखर को छुएं....आपकी इस कामयाबी के लिए बहुत बहुत बधाई....और शुभकामनायें

Saleem Khan ने कहा…

very nice

please provide me a T-SHIRT. Please...............

उम्दा सोच ने कहा…

आई जियो महफ़ूज़ भाई सफ़लता पर आप को बधाई !!! आप ने हम सब को शामिल किया अब ये हमारी भी उपलब्धी है!आप टी शर्ट का मैटर मेल पर मन्गवा लो हम अपने लिये छपवा खुद लेन्गे और एक आप को भी देन्गे ही ही ही !!!

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 ने कहा…

HEY ,MAHFOOZ BHAI AAPKO AANE WALI JINDGI KE LIYE BAHUT-BAHUT SHUBH KAMNA ,,AAAP IN BULANDIYON SE UPAR AUR BHI JO KUCHH HO VO JINDGI ME HASIL KAREN...AAMIN..!!CONGRATS

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

महफूज़ जी ,
सारी पोस्ट पढ़ डाली .....आपकी खुशी देख बेहद खुश हूँ .....नाज़ है आप पर ....!!

देखिये कितने खुशनसीब हैं आप ....बीती कडवी बातों को अब भूल जाइये सामने आसमान बाँहें फैले आपके स्वागत की तैयारी में है ......!!

BAHUT BAHUT BDHAAI ......!!

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत बहुत बधाई। ऐसे ही सदा आगे बढ़ते रहॊ.....ढेरों शुभकामनाएं।

डॉ टी एस दराल ने कहा…

महफूज़ ,
आपकी उपलब्धियों की तारीफ करने के लिए लफ्ज़ नहीं हैं मेरे पास।
खुदा इस तरह की मेहरबानी किसी किसी पर ही करता है।
आप खुदा के नेक बन्दे हैं।
आपकी सफलता पर हम सबको नाज़ है।
शुभाशीष।

राजीव तनेजा ने कहा…

वीर तुम बढे चलो ...धीर तुम बढे चलो

M VERMA ने कहा…

हम बहुत खुश है महफूज जी

रश्मि प्रभा... ने कहा…

badhaai

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` ने कहा…

महफूज़ बेटे " माई नेम इज अली " कहेंगें हम तो !!
क्या शानदार इनिंग्स खेली है आपने ..वाह !
आपकी कविता दूर दूर तक पढी जायेगी और लोग बाग़ आपकी परिभा से कुछ सीखेंगें ये बात कितनी अच्छी होगी
अब ओबामा जी " के साथ आपकी तस्वीर देखेंगे --
दीसंबर माह , वीस्कोंसीन प्रांत के लिए खूब शीत और बर्फबारी लेकर
आता है , यहां ...ये ध्यान रहे ...
ये लिंक देखिएगा --
http://www.lavanyashah.com/2010/04/blog-post.html
( अमरीका में ) आपका स्वागत है ---
स्नेह सहित आशिष
- लावण्या

Tulsibhai ने कहा…

" love you mahfooz ..go ahead"

----- ek sacchai { aawaz}

http://eksacchai.blogspot.com

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

महफ़ूज़ भाई
छोटे भाई हो आपको एक बात सिखाना ज़रूरी है अब जब कि बहुत बकवास हो चुकी है[थी]
राह के नक्श मुसाफ़िर का पता देते हैं..
कौन किस-शान से गुज़रा ये बता देतें हैं..?
सच तो ये है कि आपको मैने समझने में कोई गलती नहीं की, जबलपुर हो या कानपुर या गोरखपुर सब जगह कुंठा के बाज़ार गर्म रहतें हैं. आपको सलाह्व यही दूंगा कि आप सबों पर भरोसा मत किया कीजिये. मुझे मालूम है लोग उचाईयों पर थूकने की आदत से बाज़ नहीं आते पर याद रखिये ऐसा करना खुद उनका चेहरा बिगाड देता है.....बिना इस बात की पर वाह किये “शो मस्ट गो आन“ बाकी बात मैं अपनी पोस्ट पर टांक रहा हूं जो मित्र महफ़ूज़ को गलत झूठा समझ रहे हैं उनके प्रति मेरा आभार है कि नादान है सबको सब बातें बता देता है उसे शायद मालूम-अग्नि परीक्षा भारत की सामाजिक व्यवस्था में शामिल है. खैर जो हुआ सो हुआ अब महफ़ूज़ भाई को सतर्क रहने की ज़रूरत है.
क्योंकि टी-शर्ट इस विवाद से आने के पहले ही काफ़ी मकबूल हो चुकी है , अब अपने खर्चे पे सरकार से ज़ेड-प्लस मांग लेना.
आई लव यू महफ़ूज़ एज़ लाइक प्रमेंद्र एण्ड दीपक जी..रेस्ट ओ के... बाय़

शरद कोकास ने कहा…

महफूज़ , तुमने इतनी भागदौड़ और व्यस्तता के बावज़ूद मुझे फोन पर यह खुशखबरी सुनाई । मुझे अच्छा लगा । उस दिन मै मुम्बई में था अब लौट आया हूँ । तुम्हारी यह कविता भी पढ़ ली है और इसे पढ़ते हुए अपनी एक पुरानी कविता " आग " को याद कर रहा हूँ जल्द ही जिसे तुम्हारे सम्मान में ब्लॉग पर प्रकाशित करूंगा ।
तुम ऐसे ही सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते रहो । हम लोग दुआओं के अलावा और क्या दे सकते हैं ?

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

भाई महफूज! सर्वप्रथम तो आपको इस नायाब उपलब्धि पर बहुत बहुत बधाई....ओर उज्जवल भविष्य हेतु ढेर सारी शुभकामनाऎँ!!!
दूसरी बात ये कि मुँह मीठा कब करवा रहे हो :-)

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 11.04.10 की चर्चा मंच (सुबह ०६ बजे) में शामिल किया गया है।
http://charchamanch.blogspot.com/

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

कब से सोच रहे हैं क्या लिखें....
ये कि आपको बहुत बहुत बधाई, या फिर ये कि आप पर हमें नाज़ है, या फिर कि आपको निरंतर ऐसी ही सफलता मिलती रहे...
तो कह देते हैं कि ये सब बातें अब बहुत छोटी हो गयीं है...और आप बहुत बड़े...
आज की पोस्ट में आपका ये सब (टी-शर्ट की फोटो, courier की फोटो, ईमेल की फोटो इत्यादि) दिखाना अब कोई मायने नहीं रखती है....कोई विश्वास करे कि न करे आपको अब कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए....
अगर सबूतों के बिना पर लोग आपसे प्यार करते हैं तो मैं इस प्यार में शामिल नहीं हूँ....
आपसे प्यार करने वाले न जाने कितने हैं जिन्होंने बिना शर्त आप पर विश्वास किया है आपको चाहा है...इसलिए नहीं कि आपकी कविता अमेरिका में धूम मचा रही है बल्कि इसलिए कि आप एक सच्चे इंसान हैं... कमियाँ हैं आप में लेकिन आप उनसे मुंह नहीं मोड़ते...स्वीकार करते हैं और खुद को बदलते हैं....
और आखीर में हम जैसों का विश्वास किसी भी सबूत का मोहताज नहीं है...आप पर विश्वास था है, और रहेगा....हमेशा...!!

बेनामी ने कहा…

एक बार फिर से यहाँ बधाई

शुभकामनाएँ

दीपक 'मशाल' ने कहा…

Success is one of the most influencing factor to alter the eqations.
It turns your friends into foes and foes into friends.
so don't worry be happy bhai..

दीपक 'मशाल' ने कहा…

अक्स धुंधला पड़ा है मेरा
खो सा गया हूँ मैं
जाने क्या-क्या ख्वाहिश लिए
सो सा गया हूँ मैं..
वो हर घड़ी मुझे
गैर किये जाते हैं
मोहब्बत देखे वगैर
वैर किये जाते हैं..
Dipak 'Mashal'

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

भाई अदा जी
इधर हिसाब किताब होने लगा है
फ़िर एक सीता ही क्यों महफ़ूज़/प्रमेंद्र/मशाल सबको परीक्षा और प्रमाण देने दीजिये
कमज़ोर थोडे बनाना है इनको

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

महफूज अली जी !
आपको नेट पर देख कर
सुखद अनुभूति का अहसास हुआ!

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

महफ़ूज भइया सबसे पहले बधाई स्‍वीकारें

टी-शर्टियाँ तो हमका चहबै करी, चाहे तो आप छोट भाई का गिफ्ट करा या और कौनो रास्‍ता बतावा M साईज बा हमार :) । इ त छोट और बड़के भाई के बीच कै बात रही, अब आईत ही मेन मुद्दा पर।

भाइया इ है ब्‍लाग जगत है यहॉं पर कुछ लोगो ऐसे है जिनके मन मे पिचाल ज्‍यादा है और सद्भावना कम, ऐसे लोगो की बात का बुरा मानने के बजाय अपने रास्‍ते पर चलना ठीक है, ऐसे लोगो से कुछ(प्‍यार-सम्‍मान) मिलना भी नही है कि तो उनसे अपेक्षा क्‍यूँ करना। ब्‍लाग जगत मे ऐसे लोगो की कमी नही है जिन्‍हे दूसरे को परेशास करने ज्‍यादा मजा आता है चाहे उन्‍हे कोई लाभ न हो।

मै ऐसे घटिया लोगो की ज्‍यादा चर्चा नही करूँगा नही तो उनकी बीमारी मूझे भी लग जायेगी। इस ब्‍लाग संसार मे पिचाली लोग भी है तो प्‍यार और आत्‍मीय सम्‍बन्‍ध बनाने वाले भी कम नही है, आपके अंदर जो खूबी और कला है जिसके कारण लोग आपसे आकर्षित होते है और आपसे जुडना चाहते है।

सच कहूँ तो मै आपके अथवा किसी के भी ब्‍लाग का नियमित पाठक नही हूँ, इसमे मेरी अपनी मजबूरियाँ संनिहित है अत: दिल पर लेने की जरूरत नही है, मेरी अपनी मजबूरी है जिसके कारण मै टाईम नही दे पाता हूँ। किसी माध्‍यम से पोस्‍ट आपकी पोस्‍ट के बारे मे पता चला तो खुशी भी हुई और घटनाक्रम को जानकर दुख भी हुआ किन्‍तु खुशियाँ दुख पर भारी पड़ी।

एक राज की बात बताऊ भैया, हमारा लिखना इसलिये कम होगया है क्‍योकि हमने ब्‍लाग जगत के पिचालियो पर लिखना छोड़ दिया है, अन्‍यथा अगर लिखना चालू करे तो इन पिचालियो पर बहुत लेख लिख जायेगे :) वर्ष 2007 इस बात गवाह है हमने पिचालिये के बल पर 150 से ज्‍यादा लेख लिख डाले थे। खैर जो आपसे प्‍यार करते है उन्‍हे प्‍यार दीजिए और घटिया लोगो से दूर रहे और उनकी बातो को सूने ही नही इसी आशा के साथ अनुमति दीजिय, एक बात राष्‍ट्रवाद का दिया जालाये रखिये।

भारत माता की जय

प्रज्ञा पांडेय ने कहा…

महफूज़ भाई आप तो कमाल करते हैं .. इतना प्यार बरसाते हैं जिसकी हद ही नहीं .. आपको टी शर्ट वाली मस्त बात के लिए ढेरों बधाईयाँ .. जल्दी से जल्दी हम भी देखना चाहते हैं .. अरे भाई मेरे हम लखनऊ में ही तो हैं ..

अजय कुमार झा ने कहा…

आपका नाम ही महफ़ूज़ है ,इससे ज्यादा कुछ कहने की जरूरत है क्या । सफ़लता आपके कदम चूम रही है ,और हम आपके साथ हैं , इससे बढकर और कोई बात नहीं है । शुभकामनाएं

Dr.Ajmal Khan ने कहा…

bahut bahut mubarakbaadi.....

aradhana chaturvedi "mukti" ने कहा…

महफ़ूज़ जी,
मैं जब आप के बारे में नहीं जानती थी, तब भी मुझे लगता था कि आप बहुत भले और भावुक इन्सान हैं. वैसे तो मुझे सभी लोग अच्छे लगते हैं. वैचारिक मतभेद अपनी जगह हैं, पर मैं आपकी इस बात से सहमत हूँ कि हमें किसी के लिये अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिये. अगर कोई आपके लिये ऐसे शब्द बोल रहा है, तो उसे बोलने दीजिये, आपको चाहने वाले भी बहुत हैं.
मैंने जब सुना था कि आपकी कविता को अमेरिका में टी-शर्ट पर छापने का निर्णय लिया गया है, तो बहुत खुशी हुई थी. एक रचनाकार का सम्मान, चाहे कहीं भी हो खुशी देता है और फिर आप तो अपने ही हैं. आपको इसके लिये बहुत-बहुत बधाइयाँ !!!

ushma ने कहा…

जिसके पास इतने शुभकामनाओं और आशीर्वादों का खजाना है वह खुश रहेगा और खुशियाँ बाटेंगा !सफलताओं के लिए बधाई !

Shekhar Kumawat ने कहा…

sahi he


bahut khub

http://kavyawani.blogspot.com/

shekhar kumawat

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

ekdam sahi baat kahi hai aapane khushyan baatne se milti hai .agar yahi baat logo ki samajh me aa jaye tofir kahe ka gam.aur aapko sammanit hone ka jo gourav prapt hua hai yah sach ham sabhi ke liye kushi ki baat hai.aneko0anek shubhkamnao ke saath aapki khush me shamil.
poonam

मेरी आवाज सुनो ने कहा…

Congratulations...!! All The Best 4 ur bright future...!!

seema gupta ने कहा…

इस शानदार उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनाये
regards

Satish Saxena ने कहा…

मैंने ऐसे कम ही लोग देखें हैं जिन्हें इतना प्यार मिला हो !
मगर महफूज़ इस प्यार के योग्य हैं ! हार्दिक शुभकामनायें !

Rachana ने कहा…

congratulations! you are doing a great job...keep writing!

रचना दीक्षित ने कहा…

महफ़ूज भाई बहुत बहुत बधाई
आप हमेशा यूँ ही उनत्ति के शिखर को छुएं..आपकी इस कामयाबी के लिए बहुत बहुत बधाईऔर शुभकामनायें
जिसके पास इतने शुभकामनाओं और आशीर्वादों का खजाना है वह खुश रहेगा और खुशियाँ बाटेंगा, इस शानदार उपलब्धि पर हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनाये

Mithilesh dubey ने कहा…

हाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाहाह , बधाई हो भईया । एक कहावत कहते हैं कि अब पछताने होत क्या कब चिड़िया चुग गयी खेत , आपसे इक बार फिर कह रहा हूँ कहने से पहले एक बार नहीं हजार बार सोचा करिए ताकी गाहे बगाहे आपको माफी माँगने की जरुत नहा पडें , और ये तो बच्चो वाली बात हो गयी कि आपको कोई बहका देता है कुछ कहने के लिए , आप बहुत समझदार हैं , इसलिए ऐसी बेतुक बातें ना करा करिए । अन्त में आपको फिर से बधाई

Parul kanani ने कहा…

safar jari rakhiye..mukam door nahi..dher saari shubhkamnayen!

SHIVLOK ने कहा…

सबसे पहले आपको बहुत सारी बधाइयाँ |
क्या टी शर्ट की बिक्री भारत में भी होगी ?
कहाँ मिलेगी ?
मैं भी व्यस्त होने के कारण आज सात दिन बाद नेट पर बैठा हूँ,आपके सारे फोन बंद पड़े हैं,बीते एक महीने में सैकड़ों बार फोन मिलाया,हर बार असफल हुआ |
महफूज भाई मुझे आपसे बहुत उम्मीदे हैं|आपने अभी जो भी सफलता पाई है वह आपकी योग्यता व क्षमता के अनुरूप तो है लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है|आपको अभी बहुत बड़ा काम करना हैं| प्रकृति ने आपको बनाया है निर्माण करने के लिए| अभी आपको बहुत बड़े बड़े कम करने है ऊर्जा बचा कर रखो| घटिया लोगों पर दिमाग़ मत लगाओ| आपतो बस अपनी स्टाइल से आगे चलते रहो| सारे शुभ लोगों की शुभकामनाए आपके साथ हैं| अशुभ लोगों की परवाह करना बंद कर दो |
अब आपसे बात कब होगी? यह ज़रूर बताना |
SHIV RATAN GUPTA
9414783323

sandhyagupta ने कहा…

Aapko dher sari badhaiyan.Kya yah Bharat me uplabdh hogi?

SHIVLOK ने कहा…

@ saleem khan
"very nice

please provide me a T-SHIRT. Please..............."

सलीम तुम एक काम करो
महफूज भाई के कुत्ते की तस्वीर एक टी शर्ट पर छपवा कर पहनो तुम बहुत सुंदर लगोगे
poem वाली टी शर्ट पहनने के लायक तो तुम अभी नहीं हो |
वैसे मैं यह दिल से चाहता हूँ
कि तुम अपना विकास करो
प्यार करना सीखो हम भी तुमसे बहुत प्यार करना चाहते हैं
poem वाली टी शर्ट पहनने के लायक बनो
सबसे प्यार करो प्यार मिलेगा | नफ़रत करोगे तो नफ़रत चाहे ना मिले लेकिन प्यार नहीं मिलेगा |
सबसे पहले अपने ब्लॉग से महफूज की कुत्ते वाली फोटो हटाओ
फिर माफी माँगो | माफी मांगने से तुम छोटे आदमी नहीं बन जाओगे |
अपनी ग़लतियों को स्वीकार करना सीखो बहुत आनंदित हो जाओगे|
SHIV RATAN GUPTA
9414783323

ZEAL ने कहा…

Congrats !

kshama ने कहा…

My eyes got moist after seeing such love & affection being showered on you!
All the very best for always!

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

आपकी लोकप्रियता को देखते हुए यह ज़ाहिर है की आप अच्छे दिल के इन्सान हो । तो आपसे दोस्ती करके मुझे अच्छी ही लगेगी । अंग्रेजी के कवि डॉक्टर Samuel Johnson की यह बात सही है ....
"If a man does not make new acquaintance as he advances through life, he will soon find himself left alone. A man, Sir, should keep his friendship in constant repair."

हाँ चलते चलते आपकी सफलता के लिए बधाइयाँ ! इसी तरह आगे बढ़ते रहे !

सुशीला पुरी ने कहा…

अरे भैया ! इतनी खुशी की बात !!! मेरी दिली मुबारक .....सौ फीसदी सच कहा ----''खुशियाँ बाँटने से बढ़तीं हैं ।''

Dimple Maheshwari ने कहा…

bdahi ho aapko.....aapko isi prakar nirantar pyar aur samman milta rha...yahi dua karte hain..!

manu ने कहा…

apun ke waaste T-SHIRT...
thodaa bade size mein chaaihye...


:)

सदा ने कहा…

बहुत-बहुत बधाई के साथ शुभकामनायें, आप यूं ही इन राहों पर अग्रसर रहें।

ज्योति सिंह ने कहा…

main in dino safar me vyast hoon aur blog ke sabhi saathiyon ko waqt nahi de pa rahi ,30 may ke baad fursat hokar phir aap sabhi se brabar milti hoon ,tab tak ke liye mafi chahti hoon ,aapka mail rewa se lautne par dekha par pata chala aap maleshiya me hai ,safar suhana rahe ,aapki post padhi aur shukriya ka andaaz bhi pasand aaya ,abhi bhopal me hoon .

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

ekdam sahi aur sateek baat ki khshiyan baatane se hi milti hai
aur usase bhi achhi baat aapsach me dil se bahut hi achhe insaan hai saath hisaath soubhagya wale bhi jo itne logo ka pyar aapko mila.aapko itne dher saare sammano ke lie hardik badhai.
poonam

मुकेश कुमार तिवारी ने कहा…

महफूज भाई,

.....................
,,,,,,,,,,,,,,,,,
....................
/////////////////////
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,


जो भी नही कहा है समझ जाओ...


ना तो फोन उठाया / न ही दिल्ली में पता बताया / न ऐसी खुशखबर से बड़े दूर रखा...
लगता है कोई और आ रहा है क्या? या आ गया है?


सादर,


मुकेश कुमार तिवारी

Akanksha Yadav ने कहा…

आप तो छुपे हुए रुस्तम निकले..शुभकामनायें !!

Himanshu Mohan ने कहा…

महफ़ूज़! बधाई और यक़ीन जानो, ख़ुशी हमें भी हुई। मगर इतने दिन कहाँ ग़ायब थे?
न ज़्यादा सही, थोड़ा बहुत लिख जाया करो, अच्छा लगता है।

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

Mail ka jawaab nahi mila, pata hai busy ho aap.

next news...??

मीनाक्षी ने कहा…

इस पोस्ट के शीर्षक ने आकर्षित किया तो आपके ब्लॉग पर आना हुआ.. जाने कैसे पहले कभी इस ओर आना न हो सका... आए तो 'रोक सको तो रोक लो' तक बस पढ़ते ही गए...इसी तरह से अच्छे भाव लेकर आगे बढ़ते रहिए..शुभकामनाएँ

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

आपको बहुत बहुत बधाई!आज पहली बार आपके बारे में इतना कुछ जानने को मिला!आपने जिन जिन लोगों को धन्यवाद दिया है उनके अलावा भी मेरे जैसे कई आपके मित्र है,ये ख्याल रखियेगा...शुभकामनाओं के साथ...

शिवम् मिश्रा ने कहा…

पिछले कुछ समय से आपसे काफी बाते हुयी है - ज्यादा कुछ नहीं कहना है बस यह एक कविता है बच्चन जी की इसको सदा याद रखियेगा.....यही विनती है |

वृक्ष हो बड़े भले,

हो घने हो भले,
एक पत्र छाह भी मांग मत, मांग मत, मांग मत,
अग्निपथ, अग्निपथ अग्निपथ;

तू न थमेगा कभी तू न मुदेगा कभी तू न रुकेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.
ये महा दृश्य हैं,
चल रहा मनुष्य हैं,
अश्रु, स्वेत, रक्त से लथपथ लथपथ लथपथ ..
अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ.


- "बच्चन"

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बाकी खुदा 'महफूज़' रखे हर बला से ....... हर बला से !!

एक बेहद साधारण पाठक ने कहा…

बहुत बहुत मुबारक हो महफूज़ भाई :)

shikha varshney ने कहा…

ये खबर तो पहले ही मिल गई थी. और मुबारक बाद भी दे दी है ...परन्तु ये पोस्ट अभी पढ़ी है तो एक बार फिर से बहुत बहुत बधाई हर एक उपलब्धि के लिए......और हाँ thank u कि जरुरत नहीं होती दोस्ती में ...:)

Dr.R.Ramkumar ने कहा…

True philosophy toward happyness

निर्मला कपिला ने कहा…

मै अमेरिका मे तुम्हारी टी शर्ट धूँडती रही बताओ कहाँ मिलेगी ले कर आती हूँ। आशीर्वाद्

Mahfooz Ali ने कहा…

ममा, अभी आपको मैडिसन में मिलेगी.... विस्कांसिन में....Diekelmann जी के पास.... मार्केट में अभी available नहीं है है.... जुलाई या जून से होगी..... मार्केट में आते आते टाइम लगता है न.... आपको फोन नंबर मेल कर दिया है.....वो आपको available करवा देंगे... मैं भी आ ही रहा हूँ मैडिसन...

KK Yadav ने कहा…

लखनऊ में लगभग दो साल असिस्टेंट पोस्टमास्टर जनरल और वरिष्ठ अधीक्षक रहा. इस दौरान ऐसी तमाम प्रतिभाओं से हम रु-ब-रु होने की कोशिश करते रहे. ..पर दुर्भाग्य की आपसे मुलाकात ना हुई..खैर आपकी प्रतिभा नित आपको नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर करे..शुभकामनायें !!

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

shabbas.....wah..my dear..badhai...

R.Venukumar ने कहा…

सिद्धप्रसिद्ध महफूज जी ! आपके ब्लाग को पढ़कर अभिभूत हुआ। खासकर जिस सरलता से आपने अपने से संबंधितों को याद किया उसने भावुक बना दिया। विश्वास नहीं होता अभी भी इतनी सरलता और तरलता जिन्दा है। आप भरे रहे। हम आपको पढ़ते रहेंगे।
शुभकामनाएं

Parul kanani ने कहा…

shukriya..ali sahab! :)

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

My Heartly congratulations sir!!

Sir please visit my blog also.....

www.jindagikeerahen.blogspot.com

http://utsav.parikalpnaa.com/2010/05/blog-post_7945.html

Akanksha Yadav ने कहा…

अब कुछ नया तो लिखिए. और ये शानदार टी-शर्ट हम लोगों को भी उपलब्ध कराएँ...

____________________________
'शब्द-शिखर' पर- ब्लागिंग का 'जलजला'..जरा सोचिये !!

Rakesh Singh - राकेश सिंह ने कहा…

महफूज भाई बधाई हो | देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थी भी हूँ |

हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं |

Shabad shabad ने कहा…

Bahut hee khoob likha hai aap ne.

Shubhkamnayen!

Hardeep
http://shabdonkaujala.blogspot.com

पंकज मिश्रा ने कहा…

महफूज भाई कैसे हैं। पहली बार आपसे मुखातिब हो रहा हूं। आपके बारे में जानकार बहुत अच्छा लगा। सोचता हूं बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। निवेदन है कि मेरे ब्लॉग पर आएं और कुछ मार्गदर्शन करें। आभारी रहूंगा।
http://udbhavna.blogspot.com/

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

खुशियाँ बांटने से बढती है..नफरत का क्या काम? : बहुत सही कहा आपने अंकल जी और ये टी-शर्ट बच्चों के लिए भी है क्या.


_____________
और हाँ, 'पाखी की दुनिया' में साइंस सिटी की सैर करने जरुर आइयेगा !

S.M.Masoom ने कहा…

महफूज़ अली हमें इस बात की ख़ुशी है की आप खुशियाँ बाँटने में यकीन रखते हैं और आपने अपनी ख़ुशी यहाँ बनती हम सब के साथ. आप के achievements से मुझे बहुत ख़ुशी हुई.

Unknown ने कहा…

(महफ़ज भाई आपकी ये पंक्तियाँ पढ़ने के लिए कई बार मैंने इस पेज को खोला। बहुत ही मार्मिक और हृदयस्पर्शी हैं।)

कुलवंत हैप्पी : कोई प्यारा पल, जो हम से बाँटना चाहते हों?
महफूज अली : मैं शिमला डगशाई में बोर्डिंग में पढता था। तब फर्स्ट क्लास में था। मम्मी की बहुत याद आ रही थी, मैं रोते रोते सो गया था, पर जब आँख खुली तो सामने मम्मी थीं। जबकि मम्मी को अगले महीने आना था, अब जब रोता हूँ और यही ख्याल आता है कि काश! मम्मी आ जाएँ.... खुदा मेरी मम्मी को जन्नत बख्शें....मम्मी.... मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ।

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