जब तुम मुझे प्यार करोगी,
सामने दीवार पर लगी कोई
तस्वीर
फिर जी उठेगी
और जी उठेंगे
अरमां
मेरे साथ
तेरे साथ॥
जब तुम मुझे प्यार करोगी
एक दूसरे की आँख में
दिए जलाकर
ढूँढने निकलेंगी सौगातें
रौशनी की।
फिर न ठाहरेगी कोई ओस की बूँद
बादलों पे
और बरस जाएँगी
तुम्हारे चेहरे पे जा कर॥
जब तुम मुझे प्यार करोगी
तो ये दुनिया ही बदल जायेगी
शोरोगुल में भी मैं वो बात सुन सकूंगा
जो तुम्हारे होठों से नहीं
निकलेगी तुम्हारी रूह से॥
जब तुम मुझे प्यार करोगी
तब
मुझे यह कहने की ज़रूरत नही होगी
की
हाँ!
मैं भी तुम्हे प्यार करता हूँ॥
(प्रस्तुत कविता प्रेरित है ...........)
महफूज़ अली
Introductory Lucknow: The City of Nawabs, Kebabs and Naqabs.
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*Dear Friends*,
This is *Dr. Mahfooz* commencing this *travelogue* with a *short
introduction* of my own city *Lucknow*. *Lucknow the City of Nawabs, Keb...