शनिवार, 19 सितंबर 2009

आईये जानें टाटा (TATA) का सच:-- एक ऐसा सच जो सोचने को मजबूर कर दे... ब्लॉग जगत में एक बहुत बड़े रहस्य से पर्दा उठा.



पिछली पोस्ट में आप लोगों ने CLEAN CHIT और बाबू के बारे में जाना। आईये, आज मैं आप लोगों को टाटा (TATA) का सच बताता हूँ।


हम में से सब लोगों ने टाटा (TATA) शब्द सुना है और इसका इस्तेमाल अपनी आम ज़िन्दगी में हम सब रोज़ाना करते हैं। इस टाटा (TATA) शब्द का इस्तेमाल हम सब तब करते हैं जब हम किसी मेहमान को विदा करते हैं या जब हम किसी के घर मेहमान बन के जाते हैं, तो मेज़बान हमें घर के बाहर कर विदा करते हैं तो हम टाटा-बाय-बाय का इस्तेमाल करते हैं। हम भी जवाब में टाटा(TATA) और बाय-बाय (bye-bye) कहते हैं। और विदा ले लेते हैं। इस टाटा (TATA) को हम लोगों ने अपनी ज़िन्दगी में कहीं अन्दर तक आत्मसात् कर लिया है। और गाहे बगाहे सम्मान प्यार के साथ इस शब्द को रोज़ाना बोलते हैं।


पर यहाँ भी गौर करने वाली बात है कि हम रोज़ाना DICTIONARY देखते हैं पर इस शब्द को कभी भी हमने खोजने या जानने कि कोशिश नही की। यह शब्द जब भी हम भारतीय DICTIONARY में देखेंगे तो यह शब्द हमें COLLOQUIAL (यानी की आम बोल-चाल के शब्द ) के रूप में मिलेगा कि किसी संज्ञा या विशेषण के रूप मेंजब भी हम इस शब्द को शब्दकोष में देखेंगे तो वहां इसका ORIGIN UNKNOWN दिखाई देगायह शब्द कभी भी हमको कहीं विशेष रूप से प्रयोग होता साहित्यिक अकादमिक क्षेत्र में नहीं मिलेगा


यह टाटा (TATA) शब्द सिर्फ़ और सिर्फ़ भारत और पाकिस्तान में ही बोला जाता हैइन दो देशों के अलावा यह शब्द दुनिया के किसी भी देश में चाहे वो अँगरेज़ देश ही क्यूँ हों, में नहीं बोला जाता। ही कोई अँगरेज़ इसको किसी को सम्मानपूर्वक विदा करने के लिए कभी प्रयोग करता हैक्यूंकि अँगरेज़ टाटा (TATA) का मतलब ही नहीं जानते


तो फिर यह भारत और पाकिस्तान में ही क्यूँ बोला जाता है?


यह जानने के लिए हमें फिर ढाई सौ साल पीछे जाना पड़ेगा जब भारत पे अंग्रेज़ों का शासन था। दरअसल टाटा (TATA) कोई शब्द ही नही हैयह एक प्रकार का SLANG है। (SLANG वो शब्द होते हैं जो क्षेत्रीय भाषा से एक अपमानसूचक शब्द के रूप में निकले होते हैं....... जैसे कि "बे ".... हम लोग बोलतें हैं ...." क्या है बे ?")


तो टाटा (TATA) भी एक प्रकार का SLANG है, जिसको अँगरेज़ उनकी औरतें (मेम) भारतीय स्त्रियों उनके बच्चों को पुकारने के लिए इस्तेमाल किया करते थेअँगरेज़ टाटा (TATA) का इस्तेमाल भारतीय स्त्रियों उनके बच्चों को हिकारत से भगाने के लिए करते थे , जिसको हम भारतीयों ने सम्मानपूर्वक आत्मसात् कर लियाउदाहरण देखिये ज़रा: जब भारतीय औरतें अंग्रेज़ों के ऑफिस और घरों में काम करने जातीं थीं तो अपने बच्चों को भी साथ ले जातीं थीं, और जब काम से वापिस लौटतीं थीं तो यह अँगरेज़ उन्हें टाटा (TATA) बोलकर विदा करते थे..... अब क्यूँ करते थे ....यह अभी पता चल जाएगा..... और हम भारतियों ने बिना सोचे समझे इस शब्द को अपना लिया




आइये अब जानें टाटा (TATA) का मतलब क्या है?





पहले हम इस शब्द कि उत्पत्ति को देखते हैंसन् 1823 में यह शब्द England में BBC में एक नाटक प्रस्तुति के दौरान इस्तेमाल किया गया, उस नाटक में एक नवजात शिशु का भी किरदार था और एक बेवकूफ सफाइवाली औरत का भी किरदार था जो कि भारतीय थी उसका नाम उस किरदार में Mrs. Mopp था(और MOPP का मतलब अंग्रेजी में ....पोछा मारने को कहते हैं....)
नाटक जब खेला जा रहा था तो वो अँगरेज़ शिशु अचानक उस भारतीय स्त्री को देखते ही ता-ता (ta-ta) कि आवाज़ में रोने लगा , जिसको अंग्रेज़ों ने समझा कि बच्चा उस भारतीय स्त्री से डरकर टाटा बोल रहा है और उस भारतीय स्त्री को भगाने के लिए कह रहा हैतबसे अँगरेज़ हम भारतीय को टाटा कहने लगे..... आज भी England में बच्चों को तिरस्कृत करने के लिए अँगरेज़ टाटा (TATA) बोलतें हैं। कई बार अँगरेज़ बड़े स्तन वाली भारतीय महिलाओं को भी टाटा बोलतें हैं। Salman Rushdie कि नोवेल, THE MIDNIGHT'S CHILDREN में इसका उल्लेख है




एक जानी मानी ट्रेवल कंपनी MAKEMYTRIP.COM ने अपने उत्पाद में टाटा (TATA) का प्रयोग कियाजिस पर भारतीय कंपनी TATASONS ने आपत्ति ज़ाहिर कि और कहा कि टाटा (TATA) शब्द उनके नाम पर TRADEMARKED है जिसे और कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता और WORLD INTELLECTUAL PROPERTY ORGANIZATION के तहत् TATASONS ने यह केस 14TH SEPTEMBER 2009 को जीत लिया


अब देखने वाली बात यह है कि अगर TATA कोई शब्द होता तो ख़ुद TATASONS भी इस पर कोई दावा नहीं कर सकती थी क्यूंकि शब्दों को आप PATENT और TRADEMARK नहीं करवा सकते। और यह भारत का सबसे पुराना TRADEMARK है..... तो यह साबित है कि टाटा (TATA) कोई शब्द ही नही है.......


आइये अब जानें भारतीय टाटा (TATA) घराने का नाम टाटा (TATA)क्यूँ पड़ा?


गुजरात और मुंबई शहर में पारसियों कि तादाद सबसे ज़्यादा है पारसी पादरियों को तात् यानी की पिता कहा जाता है, संस्कृत में भी तात् का मतलब पिता ही होता है. जमशेदजी तात् (टाटा) जिनका जन्म गुजरात के नवसारी ज़िले में 03 MARCH 1839 को एक पारसी पादरी श्री। नासेर वांजी के यहाँ हुआ। जब जमशेदजी बड़े हुए तो चूँकि वो पादरी खानदान से ताल्लुक रखते थे, और उस समय के लोग पादरियों को तात् बुलाते थे ...आज भी बुलाते हैं खैर... तो सब लोग उन्हें जमशेदजी तात् बुलाते थे.... लेकिन अँगरेज़ तात् बोल नहीं पाते थे.... तो उन्होंने तात् को TATA कर दिया.... जैसे ठाकुर को टैगोर ..... तबसे तात् खानदान टाटा (TATA) हो गया .... अब चूँकि वो अंग्रेजी में तात् लिखेंगे.... तो TAATA लिखा जायेगा ...... जिसे अँगरेज़ टाटा पढ़ते थे .... बाद में आगे चल के टाटा (TATA) ने इस नाम को TRADEMARK करवा लिया..... और इस तरह टाटा घराने का नाम TATA पड़ा .......



तो निष्कर्ष यही है...कि टाटा (TATA) कोई शब्द नहीं है. इसका कोई मतलब नहीं है. यह सिर्फ एक शब्द विशेषण है जिसका प्रयोग हम GOOBYE या किसी को विदा करने के लिए करते हैं जो कि हमें नहीं करना चाहिए क्यूंकि इसका प्रयोग अँगरेज़ हमें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के लिए करते थे.... जिसको हम भारतीय समझ नहीं पाए और अपनी ज़िन्दगी में इस शब्द को एक सम्मानजनक स्थान दे बैठे.... आज भी हमें यह सोचना चाहिए.... कि शब्द बोलते हैं.... अगर हम लिखे हुए शब्दों को ध्यान से देखें.... तो हर शब्द हमें कुछ कहते ही दिखाई देंगे... गुस्से को ज़रा ध्यान से लिखा देखिएगा .... तो गुस्से कि शक्ल आपको गुस्से में ही दिखाई देगी.... ऐसे ही ख़ुशी को देखिएगा ....ख़ुशी शब्द आपको खुश ही दिखाई देगा.... इसलिए शब्द हमारी ज़िन्दगी में बहुत ही मायने रखते हैं..... हमें किसी भी शब्द को सिर्फ इसलिए ही नहीं इस्तेमाल करना चाहिए.... कि वो शब्द उच्च कोटि कि भाषा के हैं.... क्या पता वो शब्द हमें अपमानित करने के लिए इस्तेमाल किया गया हो..... अँग्रेज़ी में लिखा गया या बोला गया है.... तो इसका मतलब यह नहीं है.... कि वो शब्द सही ही हो..... हर शब्द कि अपनी कहानी है.... अपनी पैदाइश है..... जैसे हम अपना इतिहास जानते हैं.... और हमारा भी इतिहास होता है ...ठीक उसी तरह शब्दों का भी इतिहास होता है..... जिस तरह किसी के पिता का नाम नहीं मालूम होता ...तो उसे हम बहुत ही गिरी निगाह से देखते हैं.... उसी तरह जिस शब्द कि उत्पत्ति न पता हो.... वो शब्द भी गिरा हुआ होता है..... तो ऐसे किसी गिरे हुए को क्यूँ अपनाना .....???????





DISCLAIMER: प्रस्तुत लेख तथ्यों पर आधारित है... किसी को अगर कोई आपत्ति हो तो तुंरत बताये....









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