१। गर्मी से प्यासा सूरज,
बादलों से करता बातें,
मानसून अभी नही आया?॥
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२। जर्ज़र काया की मेरी कामवाली,
कहती नही छोडूंगी आपका घर,
क्यूंकि पेट नही तो भेंट नहीं॥
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३। सुनो! तुम रोना मत,
मुझे काफ़ी आगे जाना है, मैं लौटूंगा...
मैंने ऐसा तो नही कहा॥
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४। लाल सूरज उगता ऊँचा, ऊँचा......
निष्फल पेड़ों से भी ऊँचा,
खड़ा निड़र, मुहँ चिढाता॥
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५। नदिया बहती कल-कल ,
लादे पीठ पर कोहरा
और पेट में बर्फ॥
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(हाइकू कविता लिखने की जापानी विधि है, जिसे हम 5-7-5 के Syllables में लिखते हैं, हिन्दी में लिखने के लिए कोई ज़रूरी नही है की हम Syllables को फोल्लो करें.... लेकिन तीन पंक्तियाँ का होना ज़रूरी है..... यह एक कोशिश है.... उम्मीद है की ठीक लगेंगी..... )