सोमवार, 27 जुलाई 2009

ज़िन्दगी एक कविता.......... ! ! ! ! !


ज़िन्दगी एक कविता की तरह है,

कुछ उम्मीदों की

और

कुछ चाहतों की,

ग़म जिसका शीर्षक है,

और

भावनाएं जिसका घर,

पल-पल का फेर

ख्वाहिशों का मेला,

हवा के साथ जो बोले,

तूफ़ान का साथ देकर

खुशबू के साथ जो फैले,

दिलों में जो जगह बना ले,

बस........ कुछ खुशी देकर,

यही है ज़िन्दगी.................

जो कि

एक कविता कि तरह है!!!!!!!!!!!!




महफूज़ अली
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