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मैं तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ
इसीलिए ख़ामोश हूँ ,
मैंने तुम्हे प्यार किया शिद्दत से
आख़िर तक........
पर अब मैं ख़ामोश हूँ
क्यूंकि मेरी आवाज़ तुम थीं
जिसने मुझे खो दिया है।
पर
मैंने कुछ प्यार संजो कर रख लिया है
अपने ख़्वाबों की पोटली में..............
एक दिन तुम
सुनोगी मेरी ख़ामोशी को
और
देखोगी मुझे पूछती निगाहों से कि
"क्या तुम मुझे इतना प्यार करते थे"?
.
.
और मैं कुछ कह न सकूंगा॥
महफूज़ अली
११.३३