एक पल लिए तो मैं घबरा ही गया था, मेरे समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करुँ......... ? मुझे लगा कि अब सब ख़त्म!!!!!!!! डॉक्टर ने भी जवाब दे दिया....... डॉक्टर ने चेक अप करने के बाद कहा कि अब देखो यह प्रॉब्लम में फिफ्टी/फिफ्टी का चांस है....... .
मैंने कहा कि " डॉक्टर ! मैं इसके बगैर नहीं रह सकता........ कुछ भी करिए....... मैं इससे बहुत प्यार करता हूँ"......नहीं रह सकता मैं इसके बगैर......... .
डॉक्टर ने मुझे कुछ दवाएं लिखी और कहा की फ़ौरन मेयो हॉस्पिटल जा कर यह दवाएं लेते आईये.....
मैं परेशां ....... बदहवास..... कार में बैठे बैठे अजीब खयाल आ रहे थे..... मेयो पहुँचा... और फ़ौरन दवा ले के.....वापस अपने डॉक्टर के पास पहुंचा ..
थोडी देर के बाद डॉक्टर ने बताया की पैरालिटिक अटैक हुआ है....... इसलिए धड का निचला हिस्सा काम नही कर रहा है....... सुन के मेरे पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई...... मैं सोच में पड़ गया ......
मैं अब कुछ भी खोने की पोसिशन में नहीं हूँ ..... बहुत कुछ खोया है मैंने .... अब और नहीं ..... मैं यही सोच रहा था क्या सब मेरी ही किस्मत में लिखा है.... ? क्या मेरी ज़िन्दगी में सिर्फ खोना ही खोना है? बचपन में माँ खोयी... फिर पिता जी और अब??
डॉक्टर ने कहा की आपके पास अब दो रास्ते हैं.... इसका लम्बे वक़्त तक इलाज कराएँ या फिर हमेशा के लिए?? और दोनों ही बहुत परेशानज़दा तरीका हैं....
पर मैंने फैसला किया की मैं इसका पूरा इलाज कराऊंगा....... और.....फिर मैं ICU की ओर बढ़ गया...... अन्दर जा के मैंने देखा..... उसकी आँखों में एहसान का भाव था.... शायद वो भी मेरे फैसले को समझ गया था....
मैं उसके पास पहुंचा और उसके सर पर प्यार से हाथ फेरा.....
और वो धीरे धीरे पूँछ हिला कर मेरा शुक्रिया अदा करने लगा....
मैंने धीरे से उससे कहा की हम फिर साथ खेलेंगे......
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यह हमारे जैंगो हैं... यह आजकल बीमार चल रहे हैं... इनकी ख़ास बात बता दूं कि यह लैब्राडोर प्रजाति के हैं. यह सिर्फ शक्ल से श्वान हैं, बाकी पूरे इंसान हैं, इनको हम बकरी कहते हैं, यह कभी नहीं भौंकते हैं, क्यूंकि इन्होने भौंकना कभी सीखा ही नहीं, कभी जब यह भौंकते हैं तो हम लोग जल्दी से रिकॉर्ड कर लेते हैं कि न जाने कब इनका भौंकना सुनने को मिले? यह सिर्फ खेलना जानते हैं, जब भी घर में कोई मेहमान आता है, तो यह अपने खिलौने लेके पहुँच जाते हैं और बेचारा मेहमान डर जाता है. यह पूर्णतया शाकाहारी हैं, और टमाटर खाने के बहुत शौक़ीन हैं. आम बहुत चाव से खाते हैं. कार /बाइक देखते ही बैठने कि जिद करते हैं. यह सबको दोस्त ही समझते हैं. जब नाराज़ होते हैं, तो इनको मनाना बहुत मुश्किल काम होता है. यह मेरा सारा काम करते हैं, सिर्फ अगर इनसे पानी का ग्लास मंगवा लो तो रोने लगते हैं. यह मेरे साथ ही बिस्तर में सोते हैं, और इनको सर्दी में भी air conditioner चाहिए. इनके तीन साथी और हैं, रेक्स,टैरो और बुश, इनमें से रेक्स बहुत ही घमंडी किस्म के ग्रेट डेन प्रजाति के हैं, टैरो जर्मन शेफर्ड हैं और कट खन्ने हैं, और बुश को तो क्या कहें यह doberman हैं... और सिर्फ सोते रहते हैं. जैंगो कि इन से नहीं बनती है... और यह तीनों हमारे घर के बाहर आउट हाउस में रहते हैं. जैंगो सिर्फ घर के अन्दर रहते हैं. जैंगो मेरा बेटा है. यह आजकल लखनऊ के एक नर्सिंग होम में भर्ती हैं. कृपया सब लोग दुआ करें कि जैंगो जल्द से जल्द ठीक हो जाएँ....
(जैंगो हॉस्पिटल में...ड्रिप चढ़ते हुए..)
(यह मेरे साथ ही सोते हैं.)
(हमेशा गोदी चढ़ना चाहते हैं.)
(यह जब छोटे थे..तो पार्क जाने कि बहुत जिद करते थे.)
(यह मिलिए रेक्स से.. इनकी vertical लम्बाई ३.५ फीट है और horizontal लम्बाई ६ फीट २ इंच है.और अभी जैंगो से मिलने हॉस्पिटल आये थे..)
Introductory Lucknow: The City of Nawabs, Kebabs and Naqabs.
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*Dear Friends*,
This is *Dr. Mahfooz* commencing this *travelogue* with a *short
introduction* of my own city *Lucknow*. *Lucknow the City of Nawabs, Keb...