तुम मेरे संग एक पल बाँट लो,
वो पल आधा मेरा होगा
और
आधा तुम्हारे दुपट्टे की गाँठ में,
छोटा बच्चा बन के जो खेलेगा मेरे संग
तुम्हारी खुश्बू लिए ।
तुम एक ऐसा ख़्वाब बुन लो,
बता जाए जो बात तुम्हारे मन की
मेरे पास आ कर चुपके से ......
तुम जब सोती होगी भोली बन के
तो वो ख़्वाब खेलता होगा मेरी आँखों में॥
तुम वो रंग आज मुझे ला दो,
जो मुझे दिखाए थे
बादलों के झुरमुट के पीछे
झलकते आसमान के॥
तुम वो बूँद रख लो संभाल कर,
मेरी आँखों के भ्रम में ,
जिसने बसाया था डेरा
तुम्हारी आँखों में.........
उस खारे बूँद में ढूँढ लेना
कुछ ख़ूबसूरत पल मेरी यादों के,
मेरी बातों के॥