शनिवार, 25 अप्रैल 2009

आज के इस दौर में बिना कंप्यूटर के गुज़ारा नहीं। ताउम्र हम मशीनों से दूर भागते रहे पर एक उम्र वह आयी की दुनिया के भी हाथ धोखा दे गए, और मजबूरन कंप्यूटर के हो गए। Charles Babbage ने इस दुनिया को कंप्यूटर इस हिदायत के साथ दिया की इसे यानी की कंप्यूटर को दुनिया के सबसे बेवकूफ इंसान को ध्यान में रख कर बनाया गया है, और बनाया भी जाता है..... खैर...................॥


हमने ख़ुद को दुनिया के सबसे बेवकूफ इंसान से कुछ बेहतर करने की ठानी...... और..... आज हम कंप्यूटर के हो लिए हैं.... चूहे पर हाथ हमारा हाथ बैठ गया... पर..... कंप्यूटर गज़ब का रकीब-हरीफ निकला।

पर आप मानें या न मानें...... पर मशीन से सहमा दिल लिए, चूहा हाथ में पकड़े ...... हम जिस कंप्यूटर के आगे बैठे , वहीँ हम ठप हो गए॥






महफूज़ अली

2 टिप्पणियाँ:

PREETI BARTHWAL ने कहा…

यूं तो चूहे पकङना कोई आसान काम नहीं पर कंप्यूटर को चलाने के लिए जैसे तैसे पकङना सीख ही लिया। वो चूहा तो कभी हाथ आया नहीं मगर ये पकङ में आ जाता है।हा...हा...

* મારી રચના * ने कहा…

computer ke chuhe ko hum ghuma sakte hai lekin saccha chuha hame ghumata hai.. aur apane lastline mai sahi likha हम जिस कंप्यूटर के आगे बैठे , वहीँ हम ठप हो गए॥ kaise addict ho gaye

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