सोमवार, 19 अक्टूबर 2009

हौले से तुम्हारे कानों में कहता हूँ कि आई लव यू...



किस वक़्त कहूँ मैं कि ,
आई लव यू?
उस वक़्त जब तुम मुझे 
देख हलके से मुस्कुरा देती हो?
या उस वक़्त जब मैं परेशां 
होकर तुम्हे देखता हूँ,
और तुम मेरे हाथों में अपना हाथ देकर,
मेरी सारी परेशानी समेट लेती हो?
तुम रूठ जाती हो,
मेरी किसी बात पर 
मैं मनाता हूँ और,
तुम फिर छुईमुई सी 
मेरे सीने से लग जाती हो,
और मैं तुम्हारे काले बालों को 
पीछे सरका कर,
हौले से तुम्हारे कानों में कहता हूँ,
यही बारम्बार,
कि 
आई लव यू,
आई लव यू.......

61 टिप्पणियाँ:

shikha varshney ने कहा…

wah wah bahut hi masum ,pyaari si rachna gad dali is baar.////bahut sunder.vaise I love u kehne ka koi vaqt nahi hota kabhi bhi, kahin bhi,kaise bhi kaha ja sakta hai bas neeyat honi chahiye kehne ki hee hee hee

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…
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निर्मला कपिला ने कहा…

vaah beta bahut achhe prem abhivyakti hai bahut bahut badhaaI aur shubhakaamanaayen

Arvind Mishra ने कहा…

प्यारी सी ,छुई मुई सी कानों में रुनझुन सी बजती कविता

रश्मि प्रभा... ने कहा…

प्यार.......एक खामोशी है,सुनती है,कहा करती है.....नूर की बूंद है,सदियों से बहा करती है............जाने कहाँ उड़ा कर ले जाती है.....बस कुछ ऐसी ही है यह कविता

अर्कजेश ने कहा…

इ तो बहुत रोमांटिक हो गये आज आप !
अच्छा है ! पहले धीरे-धीरे कान में बोलिए , बाद में प्रैक्टिस हो जाने पर चिल्ला कर भी बोल सकते हैं ।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

युवा धड़कनों की शानदार कविता के लिए,
शानदार मुबारकवाद!

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत जबरद्स्त ..भावनात्मक अभिव्यक्ति!!

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…
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Ambarish ने कहा…

research karte karte mahfooz bhaiya achanak se ghanghor romantic ho gaye!!!
kya baat hai..
i love............................
your poems...

Unknown ने कहा…

तुम रूठ जाती हो,मेरी किसी बात पर मैं मनाता हूँ ...,ye sahi time hai i love u bolne ka ...meri ray se isi waqt bola kijiye .... bahut hi sunder.......

Ambarish ने कहा…

waise i love you kahne ke liye bhi timing karni hoti hai kya??
i love you bhi timing ki research karke kahiyega kya!!!
kabhi bhi kah dijiye...

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं।बधाई।

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

महफूज जी.
बहुत बढ़िया बहवापूर्ण रचना .धन्यवाद.

शिवम् मिश्रा ने कहा…

महफूज जी.
बहुत बढ़िया, भावनात्मक रचना, बधाई।

मनोज कुमार ने कहा…

शुष्क मन में बहार लाने वाली रचना है यह।

rashmi ravija ने कहा…

nice one....:)

M VERMA ने कहा…

मेरी मानो तो कहो ही नही
दिल की गहराई से खुद ही महसूस करने दो -
खामोशी की झंकार
अनकहा प्यार
कह दो जब हो
आँखो से आँखे चार
=======
सुन्दर रचना

Mishra Pankaj ने कहा…

आई लव यु हमेशा के लिए

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

जब भी दिल करें कह दीजिए..बस ध्यान रखिए कहीं देर ना हो जाए..बढ़िया भाव..बधाई

ओम आर्य ने कहा…

जब भी कहेंगे, कायनात की सारी आवाजें कान लगा के सुनने लगेंगी...

शरद कोकास ने कहा…

अभी अभी मैने तुम्हारी यह नर्म नाज़ुक सी कविता देखी और ..और क्या कहूँ इसमे कुछ कहना थोड़े ही है बस महसूसना है । किसी शायर का एक शेर याद आ गया " ये इश्क नही आसाँ हमने तो ये जाना है / काजल की लकीरो को आँखों से चुराना है ।" तो जाओ चुराओ काजल आल द बेस्ट ।

संगीता पुरी ने कहा…

वाह बढिया लिखा है .. बधाई !!

Syed ने कहा…

किसके ख्यालों में खोये हैं जनाब :)

बहुत खूबसूरत...

Dr.Aditya Kumar ने कहा…

I love your expression.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" ने कहा…

यौवन के अहसासों को दर्शाती सुन्दर सी कविता.....
आपका ये रोमांटिक अन्दाज भी बढिया रहा......

राज भाटिय़ा ने कहा…

अजी दिपावली की मस्ती चढ गई लगती है, जो आप ने इअतनी सुंदर कविता लिख मारी.
धन्यवाद

Khushdeep Sehgal ने कहा…

महफूज़ भाई,
शायरी वगैरहा तो अपने बस का रोग नहीं...हां तुम्हारी इस कविता ने अमर अकबर अंथनी फिल्म का ये गाना ज़रूर याद दिला दिया है...

कभी बोलूं मैं, कभी बोले तू
आई लव यू,आई लव यू
दिल में छुपाए रखा, शोला दबाए रखा
देख के तुम को दिल डोला है,
गॉड प्रामिस सच बोला है
हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करे
बोलो तो जी ये बोलो, या मर जाए...

जय हिंद...

वाणी गीत ने कहा…
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Mumukshh Ki Rachanain ने कहा…

बारंबारता................
तोते की माफिक...........
ठीक है.................
शायद मौसम का असर.............

जो भी है अच्छा है.................
कविता पसंद आई.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Unknown ने कहा…

चलो आपकी कविता पढ़कर याद आ गया कि कभी हमने भी ऐसा ही कहा था और आज तक भुगत रहे हैं। :-)

Meenu Khare ने कहा…

प्यारी सी कविता.

दर्पण साह ने कहा…

Mausam main kuch parivarta to hai....
...kavita main mausam ka asar hai?
ya mausam main kavita ka?

mausam gulabi...
...aur hole se kaano main ILU ILU !!

:)

दिगम्बर नासवा ने कहा…

महफूज़ जी ......... मेरा बस चले तो सोते जागते, खाते पीते बस आई लव यू ही कहता रहूँ .........
वाह कमाल का लिखा है ..........

सदा ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

महफ़ूज़ भाई, इतने गम्भीर लेखन के पीछे इतना कोमल रूप छिपा रखा है? अच्छा है, समय से कह दिया, वरना देर होने में, देर नही लगती. बहुत ही सुन्दर रचना.

दीपक 'मशाल' ने कहा…

good good good, romantic ho gaye bhai ji..........

कंचन सिंह चौहान ने कहा…

Damn romantic....! behatareennnn

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

"हौले से तुम्हारे कानों में कहता हूँ कि आई लव यू..."

इस बारे में मेरी तो सोच भाई साहब आपसे थोडा हट के है, प्यार करते है तो चुपके से क्यों कहे आई लव यू ? अपुन तो भाई धरमेंदर भाई के पुजारी है , सीधे टैंकी पर चदकर कहने में विस्वाश रखते है कि "गाँव वालो तुम्हारी...." खैर कविता सुन्दर है !

Arshia Ali ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण रचना। बधाई।
( Treasurer-S. T. )

रंजू भाटिया ने कहा…

सुन्दर भावपूर्ण रचना है शुक्रिया

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

mahfooz ali saheb,

badi thandi si hawa ka jhaunka aaya.....bahut pyari nazm....badhai

seema gupta ने कहा…

" very soft and loving expressions"

regards

Urmi ने कहा…

वाह वाह क्या बात है! बहुत ही सुंदर कविता लिखा है आपने! प्यार भरा रोमांटिक कविता जो दिल को छू गई! बेहद ख़ूबसूरत और भावनात्मक रचना जिसके लिए ढेर सारी बधाइयाँ !

kishore ghildiyal ने कहा…

dil ko chhu gaye aapke shabd bahut badiya wakai ye teen akshar kah paana bada mushkil hota hain

डॉ टी एस दराल ने कहा…

महफूज़ भाई, आपकी कविता तो सुबह ही पढ़ ली थी, लेकिन टिप्पीयाने के लिए इंतज़ार करना पड़ा. सच मानिए, हर बार पढ़कर दिल एक साल और जवान हो गया. वाह, क्या बात है.

Chandan Kumar Jha ने कहा…

भैया आपकी यह रचना दिल में हलचल मचा गयी । बहुत मजा आया पढ़कर ।

शेफाली पाण्डे ने कहा…

bahut sundar.....

Asha Joglekar ने कहा…

Itanee sunder kawita uske kano me kahenge to jawab bhee hoga, " I love you too "
Sunder rachna.

मनोज भारती ने कहा…

बारम्बार कहते भी हो और फिर पूछते भी हो कि किस वक्त कहूँ मैं ...आई लव यू ? यह कल्पना कुछ ज्यादा ही हो गई कि वास्तविकता ही भूल बैठे ।

kshama ने कहा…

Rachna kanon me pazeb khanka gayee hame bata den, jab kiseke kanon me kahneka mauqa mile....

manu ने कहा…

achchhaa likhaa hai

Rakesh Singh - राकेश सिंह ने कहा…

या उस वक़्त जब मैं परेशां
होकर तुम्हे देखता हूँ,
और तुम मेरे हाथों में अपना हाथ देकर,
मेरी सारी परेशानी समेट लेती हो

bahut badhiyaa likha hai .....

वाणी गीत ने कहा…

कविता बहुत ही सुन्दर नर्म और नाजुक सी है ...

कल का कमेन्ट डिलीट करना पड़ा ...कल मूड कुछ ठीक नहीं था और जब दिमाग ठीक नहीं होता है तो मैं कुछ न कुछ डिलीट कर देती हूँ ...इस बार कमेन्ट कर दिए कई और ब्लोग्स पर भी ...

satish kundan ने कहा…

आपके ब्लॉग पर आकर बहुत अच्छा लगा...मैं तो डूब गया आपकी रचना में.....मेरे ब्लॉग पे आपका स्वागत है.

लोकेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा…

सुन्दर....
अब लगता है कुछ ऐसा गुण मुझे भी आपसे सीखना होगा......
हा....हा....हा..

Alpana Verma ने कहा…

yahi to teen shbdon ka kamaal hai...!
komal ahsas liye hai kavita..

alka mishra ने कहा…

कविता मुझे तो पसंद आयी और सबसे बड़ी बात कि इसमें प्रवाहित हिंदी मिली जो मुझे आपसे पहले सिर्फ एक मुस्लिम रचनाकार की लेखनी में मिली थी ,मैं लखनऊ के शायरों को देखती हूँ कि उन्होंने तो कविसम्मेलनों को भी बाँट दिया है ,वे कहते हैं कि ये हिन्दी वालों की निशस्त है ,ये उर्दू वालों की निशस्त है ,ऐसे माहौल में आप जैसा सरल भाषायी पैरोकार मिलना मुझे काफी सुखद लगा
वैसे व्यापार किस चीज का करते हैं आप ?

बेनामी ने कहा…

nice poem.....gambhir subject par to accha likhte hi hai aap....prem par bhi bahut accha likha hai...kaun hai vo khushnasib jiske bare mai likha hai....

tejaswini ने कहा…

ilove you/ilove you/i love you/
realy i love you /wnats to talk with you

tejaswini ने कहा…

love you / my love/ i love you/ love you

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