###कविता: इतिहास के अतीत से देश के वर्तमान तक###
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सुनता था ईंटों को
दीमकें नहीं खातीं
संग्रहालय के चित्रों को
मौत नहीं आती....
एक खाकी धुंधला रंग
नन्हों की स्कूल दीवारों पर
टंगा रहता है,
इतिहास के अतीत में
जकड़ा भविष्य
छूट जाता है
और देश का वर्तमान
धर्म के रंग में खो जाता है.
(c) महफूज़