अगर आप सारे धर्मों की स्टडी (स्टडी मीन्स वाकई में स्टडी) करें तो पायेंगे कि जिसे हम ईश्वर, अल्लाह, खुदा, भगवान् या गॉड कहते हैं.… वो ना तो पैदा होता है ना ही मरता है न ही यह शादी करता है न ही सेक्स, ना ही इसे मेन्सेस होते हैं ना इसे बच्चे पैदा करने की ज़रुरत है.ना ही इसे गुस्सा आता है ना ही इसे लड़ाई-झगडे या झूठ बोलने की ज़रूरत है. ना ही इसे प्रसाद, चढ़ावे, चादर या किसी भी प्रकार के धन की ज़रुरत है. ना ही खुद की पूजा या इबादत करने के लिए जोर-ज़बरदस्ती करता है. ना ही इसे किसी हथियार की ज़रुरत है ना ही किसी चमत्कार की. ना ही इसे नौटंकी की ज़रूरत है ना ही इलाज की, ना तो यह स्त्री है ना ही पुरुष. यह तो निराकार है. इसका कोई आकार नहीं है.
इसलिए धर्म को लेकर आपसी झगड़ों से दूर रहना चाहिए. जितने भी लोग धर्म को लेकर झगड़ रहे हैं वो जाहिल और औसत (Average) लोग हैं. लोग इतने जाहिल हैं कि सुनी सुनाई बातों पर ज्यादा यकीन करेंगे बनिस्बत खुद पढने के. हर इंसान अगर किसी भी धर्म में पैदा हुआ है तो यह उसकी गलती नहीं है ना ही वो एप्लीकेशन देता है अपने धर्म को चूज़ करने की. हर इंसान एक्सीडेंटल पैदा होता है... डिस्चार्ज या स्खलन का नतीजा है. कोई भी इंसान यह सोच कर सेक्स नहीं करता कि आज तो राहुल, सलीम या जॉर्ज को पैदा करूँगा...मौज मस्ती में सब पैदा हो जाते हैं.
बहुत सारे धर्म ऐसे हैं जिनमें जाहिल ज्यादा पैदा होते हैं क्यूंकि वो खुद अपना धर्म नहीं समझ पाते क्यूंकि पढ़ते बिलकुल नहीं और सुनते ज्यादा हैं. सब लोगों ने अपने आप को बड़ा समझना शुरू कर दिया है. दुनिया का हर धर्म खुद को साइंटिफिक कहता है मगर इंसानियत से नफरत करना कोई साइंस कभी नहीं कहता.पढो जाहिलों पढो.... यह politicians तुम्हे आपस में अपने फायदे के लिए लड़ायेंगे और खुद आपस में हर धर्म वाले से मिल जुल कर रहेंगे और तुम्हे उलझा कर रखेंगे बेसिर पैर की चीज़ों में. कभी किसी पहुँचवाले का नुक्सान होते देखा सुना है?
मैंने अपना खुद का धार्मिक त्याग कर रखा है... मेरा नाम मेरे साथ सिर्फ इसलिए हैं क्यूंकि मैंने जब आँख खोली तो यही नाम पाया. धर्म से मुझे इंसानों ने जोड़ा. बड़ा हुआ तो नाम-धर्म तो नहीं हाँ सोच को ज़रूर बदल पाया क्यूंकि मेरे ईश्वर ने मुझे यही एक चीज़ दी थी. और यही एक चीज़ ले कर जाऊंगा. बहुत सारे लोगों को शिकायत होती है कि मैं उनकी बात का जवाब नहीं देता तो मेरा उनको जवाब यह है कि भाई अगर तुम्हारा वो लेवल होगा तो ज़रूर दूंगा. अगर मैंने किसी की भी बात का जवाब नहीं दिया तो वो यह समझ ले कि सवाल लेवल का है.